‘चुनावी न्यासों’ के लिए CBDT का 19 सूत्रीय फार्मेट
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‘चुनावी न्यासों’ के लिए CBDT का 19 सूत्रीय फार्मेट

देश में चुनावों के दौर के गति पकड़ने के साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने व्यावसायिक घरानों के चुनावी न्यासों के लिए एक नया 19 सूत्रीय मानक फार्मेट पेश किया है।

नई दिल्ली : देश में चुनावों के दौर के गति पकड़ने के साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने व्यावसायिक घरानों के चुनावी न्यासों के लिए एक नया 19 सूत्रीय मानक फार्मेट पेश किया है।
कापरेरेट घरानों को राजनीतिक चंदा देने के लिए ऐसे विशेष न्यासों के गठन की योजना की घोषणा सरकार ने इसी साल की है। ईटी (इलेक्टोरल ट्रस्ट) योजना के तहत उद्योग इकाइयों को गैर लाभकारी कंपनी को चुनाव न्यास के रूप में पंजीकृत कराने की अनुमति होती है। ऐसे में इसे उन इकाइयों से अलग किया जा सकता है जिनके कारोबारी हित होते हैं। सीबीडीटी ने जो फार्मेट पेश किया है उसके अनुसार किसी भी राजनीतिक दल को चंदा देने पर कंपनी का पूरा ब्योरा, उसके शेयर धारकों व योगदान का अन्य वित्तीय ब्योरा एक वृहद तरीके से जुटाएंगे और उसके बाद ही उसे आयकर विभाग के पास जमा कराएंगे।
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह ‘चेकलिस्ट’ इसलिए तैयार की गई है कि चुनावी न्यास या ईटी का ब्योरा देते समय किन बातों की जानकारी देना अनिवार्य है। सीबीडीटी ने तीन पृष्ठ का यह दस्तावेज कल पेश किया।’ इसमें उद्योग घरानों से कुछ सवाल पूछे जाएंगे कि क्या चुनावी न्यास कंपनी कानून की धारा 25 के तहत पंजीकृत कंपनी है, क्या ट्रस्ट का एकमात्र उद्देश्य राजनीतिक दलों को योगदान देना है या फिर योजना को मंजूरी के बाद से शेयरधारकों में किसी तरह का बदलाव आया है।
राजनीतिक दलों को कारपोरेट घरानों द्वारा दिए जाने वाले चंदे की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए चुनावी ट्रस्ट का प्रावधान किया गया है। कंपनियों के लिए आयकर विभाग के पास इसका ब्योरा देने की अंतिम तारीख 30 नवंबर है। (एजेंसी)

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