Trending Photos
नई दिल्ली : विशेष मनी लांड्रिंग रोधक अदालत ने करोड़ों रुपये के नेशनल स्पाट एक्सचेंज (एनएसईएल) घोटाले में भुगतान में चूक करने वाली सबसे प्रमुख कंपनियों तथा उसकी सहायक इकाइयों की 126 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया है।
अदालत ने मोहन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा उससे संबद्ध अधिकारियों की चल व अचल संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कुर्की संबंधी रपट की पुष्टि की है। ईडी ने पिछले साल इन संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया था।
मोहन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इस घोटाले में सबसे बड़ी डिफाल्टरों में है। शुरुआत में इस पर 922 करोड़ रुपये की देनदारी थी। फिलहाल कंपनी पर 600.08 करोड़ रुपये का बकाया है जिसमें से 52.85 करोड़ रुपये का भुगतान उसने एक्सचेंज को कर दिया है।
प्रवर्तन निदेशालय एफटीआईएल के 5,600 करोड़ रुपये के भुगतान संकट घोटाले की मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत भी जांच कर रहा है। पिछले साल निवेशकों द्वारा उनके साथ धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत के बाद यह घोटाला सामने आया था।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘जो सामग्री पेश की गई है उससे प्रथम दृष्टया यह साबित होता है कि चूक करने वाले सदस्य मोहन इंडिया समूह ने एनएसईएल के प्लेटफार्म का दुरुपयोग किया। जबकि यह प्लेटफार्म सही किसानों, विनिर्माताओं तथा व्यापारियों के लिए अपने उत्पादों की खरीद बिक्री के लिए है।’ (एजेंसी)