सिंघम रिटर्न्स (रिव्यू) : लोगों को पसंद आ रही 'बाजीराव सिंघम' की दहाड़
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सिंघम रिटर्न्स (रिव्यू) : लोगों को पसंद आ रही 'बाजीराव सिंघम' की दहाड़

सिंघम रिटर्न्स (रिव्यू) : लोगों को पसंद आ रही 'बाजीराव सिंघम' की दहाड़

ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली : देश जहां 68वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा है। वहीं, निर्माता-निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म 'सिंघम रिटर्न्स' रुपहले पर्दे पर दहाड़ रही है। इस फिल्म में 'बाजीराव सिंघम' के किरदार में अभिनेता अजय देवगन ने दूसरी बार वापसी की है। आजादी के जश्न के मौके पर भ्रष्टाचार के खिलाफ आई यह फिल्म और सिंघम के संवाद दोनों लोगों को खूब भा रहे हैं।
    
सिंघम रिटर्न्स वर्ष 2011 में आई 'सिंघम' की सिक्वल है। रोहित शेट्टी ने इस फिल्म में भी उन परेशानियों एवं चुनौतियों को दर्शाया है जिनका सामना पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान करते हैं। फिल्म में अजय देवगन की एंट्री शानदार है और फिल्म के संवाद लाजवाब। एक जगह बाजीराव सिंघम का संवाद है 'हमें अपराध खत्म करना है, अपराधी नहीं बनाने।'  

फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है-पुलिस ऑफिसर बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) की पोस्टिंग अब अपने गांव शिवपुर (गोवा) से दूर मुंबई में हो चुकी है। गोवा में भ्रष्ट नेता और क्राइम की दुनिया से जुड़े नेता का पर्दाफाश करने के बाद बाजीराव अब मुंबई पुलिस में डीसीपी बन चुके हैं। आज भी बाजीराव करप्शन के सख्त खिलाफ है, हां इस बार उसके एजेंडे में काले धन का भंडाफोड़ करना भी शामिल है।

बाजीराव सत्ता के गलियारों में अपना स्थान बना चुकी एक राजनीतिक पार्टी के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलता है, जिनके नेताओं का कहीं न कहीं कनेक्शन ब्लैक मनी से जुड़ा हुआ है। ऐसे में एक साजिश के तहत एक कॉन्स्टेबल की हत्या हो जाती है, इस कॉन्स्टेबल को रिश्वत के झूठे आरोप में फंसाया जाता है। नदी में गिरी एंबुलेंस में उसकी डेड बॉडी के पास नोट पड़े मिलते हैं। बाजीराव इस मामले की जांच जब शुरू करवाता है तो उसके सामना एक दूसरे सच से होता है।

राजनीतिक गलियारों में अपना दबदबा कायम रखने वाले नेताओं तक अपनी पहुंच रखने वाले बाबा जी (अमोल गुप्ते) और ब्लैक मनी के दम पर चुनाव जीतने वाली पार्टी के नेता के इस करोड़ों की ब्लैक मनी को पकड़ने के बाद बाजीराव इसका कनेक्शन बाबा जी के साथ जोड़ने में कामयाब हो जाता है।

अब बाजीराव बाबा जी के काले कारनामों को बेनकाब करके उनका कच्चा चिठी आम जनता को दिखाने के लिए अपनी टीम के साथ जुट जाता है। बाजीराव के सामने इस बार कई बड़ी चुनौतियां भी हैं जिनसे निपटने के लिए वह हर तरीका इस्तेमाल करता है। बाजीराव और बाबा जी के आसपास घूमती इस कहानी के साथ बाजीराव की लव स्टोरी भी चलती है, फर्क बस इतना है इस बार काजल अग्रवाल की जगह करीना कपूर खान यानी अवनी सिंघम को प्यार का पाठ सिखा रही हैं, और हां अवनी सिर्फ रोमांस में ही नहीं ऐक्शन सीक्वेंस में भी किसी से कम नहीं है।

वहीं एक पार्टी के नेता गुरु जी के किरदार में अनुपम खेर इस बार भी अपने पुराने स्टाइल में नजर आए। सीआईडी फेम दयानंद ने ठीक वही किया जो स्मॉल स्क्रीन पर कर रहे हैं।

रोहित शेट्टी कुछ नया करने का जोखिम लेने से हमेशा बचते रहे हैं। खुद रोहित कहते भी हैं कि उन्हें लीक से हटकर एक छोटी सी क्लास के लिए फिल्में बनाना पसंद नहीं। सो इस बार भी उनकी इस फिल्म में रोहित की फिल्मों के पिछले सभी मसाले कुछ अलग स्टाइल में मौजूद हैं। ऐक्शन सीन्स की भरमार है। आम दर्शकों से जमकर तालियां बटोरने वाले ढेरों संवाद हैं। कारों की जबर्दस्त टक्कर और हवा में उछलती कारों के सीन्स की कमी नहीं है।

अगर सिर्फ मनोरंजन के मकसद से फैमिली, फ्रेंड्स के साथ बिना दिमाग खर्च किए फिल्में देखने के शौकीन हैं तो यकीनन सिंघम आप सभी को अपसेट नहीं करेगा।

 

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