खाद्य पदार्थो में ज्यादा सोडियम से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका
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खाद्य पदार्थो में ज्यादा सोडियम से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका

आज की व्यततम दिनचर्या में रेडी-टू-इट खाने का चलन दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है।

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नई दिल्ली: आज की व्यततम दिनचर्या में रेडी-टू-इट खाने का चलन दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन चिकित्सकों ने सचेत किया है कि संसाधित खाद्य पदार्थो में मौजूद सोडियम की उच्च मात्रा आपको जल्द ही उच्च रक्तचाप का रोगी बना सकती है।
एक जनहित स्वास्थ्य एनजीओ जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, नमूने में लिए गए 7,124 खाद्य वस्तुओं में 73 फीसदी खाद्य उत्पादों ने अपने उत्पाद में नमक और सोडियम की मात्रा नहीं दिखाई।
हलांकि भारतीय खाद्य पैकेजिंग नियमों में नमक की मात्रा दिखाना जरूरी नहीं है, फिर भी विशेषज्ञों को लगता है कि इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को नमक की मात्रा का पता चलता है।
अधिक नमक के सेवन और व्यायाम की कमी से उच्च रक्तचाप के साथ, मोटापा, तनाव और अवसाद हो सकता है। पैकेट बंद खाद्य पदार्थो, संसाधित खाद्य पदार्थो और रेडी-टू-इट भोजन में भी नमक की अधिक मात्रा होती है। उनके उच्च मात्रा में कोलेस्ट्रॉल और तेल भी होता है। इनके नियमित सेवन से वजन बढ़ता है और मोटापा होता है, और बाद में उच्चरक्त चाप हो जाता है। उच्च रक्तचाप से दिल और गुर्दे की बीमारियों तथा स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
जीवन शैली में बदलाव, देर तक काम करना, तनाव का उच्च स्तर, व्यायाम की कमी और जंक और संसाधित खाने के सेवन के बढ़ोतरी से भी उच्च रक्तचाप पर प्रभाव पड़ता है। भारत में हर तीसरा या चौथा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से पीड़ित है।
आजकल उच्च रक्तचाप के मरीजों में 25 साल के युवा भी हैं। वे ऐसे नौकरियों में होते हैं, जहां नींद से समझौता करना पड़ता है और ज्यादातर समय पैकेट बंद भोजन खाना पड़ता है। ऐसी बदली जीवनशैली मोटोपे और टाइप 2 मधुमेह को न्योता देती है। 30 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को सलाह है कि अपना रक्तचाप नियमित जांच कराएं।
जल्द पता लगने से जीवन शैली में बदलाव लाकर बीमारी का उपचार हो सकता है और या सबसे सस्ता तरीका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नमक का सेवन 30 फीसदी कम करके 2020 तक गैर-संचारी रोगों से होने वाली मृत्युदर को 25 फीसदी कम करने का वैश्विक लक्ष्य रखा है। (एजेंसी)

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