युद्ध स्मारक के निर्माण स्थल पर जल्द फैसला करेगी सरकार: जेटली
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युद्ध स्मारक के निर्माण स्थल पर जल्द फैसला करेगी सरकार: जेटली

कारगिल युद्ध की 15वीं वषर्गांठ के मौके पर रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार एक विशाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण स्थल के बारे में जल्द फैसला करेगी।

युद्ध स्मारक के निर्माण स्थल पर जल्द फैसला करेगी सरकार: जेटली

नई दिल्ली : कारगिल युद्ध की 15वीं वषर्गांठ के मौके पर रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार एक विशाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण स्थल के बारे में जल्द फैसला करेगी।

साल 1999 के कारगिल युद्ध शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद जेटली ने कहा कि वह जल्द ही सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ इंडिया गेट परिसर के निकट प्रिंसेज पार्क इलाके का दौरा करेंगे ताकि इस मुद्दे पर फैसला किया जा सके।

उन्होंने कहा, युद्ध स्मारक में उन सभी लोगों के नाम लिखे जाएंगे जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी है। हमारा मानना है कि यह जरूरी है। रक्षा मंत्री ने कहा, हमारा मानना है कि इस स्थल (प्रिसेंज पार्क) के निकट बहुत बड़ा इलाका है अथवा इससे नजदीक कहीं और स्थान का चयन होगा। हम एक या दो दिनों में सैन्य प्रमुखों के साथ इस स्थान का दौरा करेंगे और जल्द फैसला करेंगे।

जेटली ने कहा कि ‘स्मारक के निर्माण में कुछ समय लगेगा क्योंकि हम एक अच्छा युद्ध स्मारक तथा युद्ध संग्रहालय बनाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि युद्ध संग्रहालय प्रिसेंज पार्क के निकट स्थान पर होगा।

रक्षा मंत्री ने कहा, वहां एक बड़ा भूखंड है और मुझे लगता है कि यह युद्ध संग्रहालय के लिए उचित है जिसकी भारत को जरूरत है। विवरण को अंतिम रूप दिए जाने के साथ ही उनको सभी विभागों से मंजूरी लेनी होगी। मैं सोचता हूं कि सैद्धांतिक रूप से यह इंतजाम है। इसके पूरा होने में कुछ समय लगेगा।

यह पूछे जाने पर कि निरंतर संघर्ष विराम का उल्लंघन होने की स्थिति में पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत किस तरह की होगी तो जेटली ने कहा, आपकी ओर से उठाया मुद्दा ही अपने आप में एक मुद्दा है। उन्होंने कहा, जब कभी बातचीत होती है तो भारत अपनी संप्रभुता से जुड़े मुद्दों को उठाता है।

सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए धन की कमी पर रक्षा मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है। सेना के पास पूरा साजोसामान है और वह पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों को जब कभी किसी चीज की जरूरत होगी तो सरकार प्राथमिकता के आधार पर उन जरूरतों को पूरा करेगी चाहे भले ही दूसरे क्षेत्रों के खर्च में कटौती क्यों न करनी पड़े। इस साल भी हमने रक्षा खर्च में बढ़ोतरी की है।

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