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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि गंगा नदी की सफाई करने के लिए तीन साल का लक्ष्य होगा, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्रोत सहित विभिन्न स्रोतों से कोष प्राप्त किया जाएगा और वैश्विक अनुभव का लाभ उठाया जाएगा।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा की सफाई काम छह महीने में शुरू हो जाएगा जो नरेन्द्र मोदी सरकार का उच्च वरीयता वाला एजेंडा है। मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे तीन साल का वक्त दीजिए।’ उन्होंने कहा, ‘हम किसी से सीखने में नहीं हिचकेंगे। हमारा कोई अहम नहीं है हम सबसे ज्यादा जानते हैं। यदि हमें लगेगा कि कोई हमसे ज्यादा जानता है तो हम राइन, नील, टेम्स से सीखेंगे..हम अच्छी चीजें सीखेंगे, बगैर किसी हिचकिचाहट के।’
कोष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कई रास्ते हैं। ‘हम पीपीपी का इस्तेमाल करेंगे, एनआरआई कोष बनाया जा रहा है।’ विश्व बैंक प्रमुख जिम योंग किम ने गंगा की सफाई के लिा भारत की मदद करने का पहले ही वादा कर दिया है।
उमा ने कहा कि नदी को तीन साल में पुनर्जीवित करने की कोशिश जारी है जिसके लिए उद्योगों और सीवेज से प्रदूषण की समस्या का समाधान करने को लेकर कदम उठाए जाएंगे। उमा ने कहा, ‘हम इसे तीन साल में पुनर्जीवित करना चाहते हैं। तीन साल में हम एक इंवायरोमेंटल फ्लो स्थापित करना चाहते हैं। हम गंगा के तट पर प्रदूषण के मुद्दे और उद्योगों एवं सीवेज से होने वाले प्रदूषण का हल करना चाहते हैं।