इराक में फंसी दो भारतीय नर्स निकाली गईं, 8 अन्‍य वापस लौटे
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इराक में फंसी दो भारतीय नर्स निकाली गईं, 8 अन्‍य वापस लौटे

भारत ने संकटग्रस्त इराक में फंसी दो नर्स को बुधवार को सुरक्षित निकाल लिया। यह तिकरित शहर के एक अस्पताल में फंसी 46 नर्सों के अलावा हैं। अब तक यहां से सुरक्षित बाहर निकाले भारतीय नागरिकों की संख्या 36 हो गई है।

इराक में फंसी दो भारतीय नर्स निकाली गईं, 8 अन्‍य वापस लौटे

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्ली : भारत ने संकटग्रस्त इराक में फंसी दो नर्स को बुधवार को सुरक्षित निकाल लिया। यह तिकरित शहर के एक अस्पताल में फंसी 46 नर्सों के अलावा हैं। अब तक यहां से सुरक्षित बाहर निकाले भारतीय नागरिकों की संख्या 36 हो गई है। वहीं, संकटग्रस्त इराक के नजफ शहर में एक कंपनी के लिए काम कर रहे भारतीयों में से पंजाब के रहने वाले आठ लोग आज वहां से वापस लौट आए। इनमें से तीन जालंधर जिले के रहने वाले हैं।

उधर, खाड़ी देशों में सभी भारतीय राजदूतों को आगामी 29 जून को नई दिल्ली बुलाया गया कि ताकि इराक मुद्दे तथा दूसरी क्षेत्रीय जटिलताओं पर चर्चा की जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस संकटग्रस्त क्षेत्र में 46 नर्स के समूह के अलावा दो नर्स को बचाया गया और क्षेत्र से बाहर निकाला गया है। वे अब कर्बला में हैं जो सुरक्षित स्थान है। प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि किस स्थान से इन दो नर्स को बाहर निकाला गया।

उन्होंने कहा कि इनकी वापसी की रूपरेखा पर काम चल रहा है तथा विदेश मंत्रालय की ओर से इनके टिकट के इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हमने उनका टिकट ले लिया है और वे जल्द से जल्द भारत के लिए रवाना होंगी। वे अब सुरक्षित स्थान पर हैं। मंत्रालय ने इससे पहले इराक से 34 भारतीयों को बाहर निकाला था। 39 भारतीय अब भी बंधक हैं। बंधक बनाए गए लोगों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जो लोग सोचते हैं कि हम इसको लेकर अनभिज्ञ हैं तो ऐसा नहीं है। हम इसको लेकर अनभिज्ञ नहीं हैं। आज हमारे पास कई सूत्रों से जानकारी है कि ये भारतीय अभी बंधक हैं और वे सुरक्षित हैं। तिकरित में फंसी 46 नर्स के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अस्पताल में कोई घुसा नहीं है और भीतर बिजली एवं खाने की आपूर्ति हो रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के सभी भारतीय राजदूतों को दिल्ली तलब किया है। राजदूतों की बैठक 29 जून को होगी। बहरहाल, इराक में भारतीय राजदूत अजय कुमार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि ‘वास्तविकता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान रखने के लिए’ उनका वहां होना जरूरी है।

उधर, संकटग्रस्त इराक के नजफ शहर में एक कंपनी के लिए काम कर रहे भारतीयों में से पंजाब के रहने वाले आठ लोग आज वहां से वापस लौट आए। इनमें से तीन जालंधर जिले के रहने वाले हैं। नजफ से आने वाले ये लोग अपने घरवालों की मदद से इराक से किसी तरह गुजरात के अहमदाबाद पहुंच गए लेकिन अहमदाबाद हवाई अड्डे से यहां आने के लिए उनके पास एक पैसा भी नहीं था।

अहमदाबाद से ट्रेन से जालंधर पहुंचे कमलदीप ने बताया कि वहां के हालात बहुत खराब हैं। हम तीन महीने पहले वहां काम के सिलसिले में गए थे। कंपनी ने हमारा पासपोर्ट जब्त कर लिया। हम बीस बीस घंटे काम करते थे। लेकिन कोई पैसे नहीं मिलते थे। जब भी हमने पैसों की मांग की तो हमें बुरी तरह पीटा गया। जालंधर जिला निवासी कमलदीप बताते हैं कि जब इराक में लडाई शुरू हुई तो हमने अपने मालिक से वापस जाने की बात की। पासपोर्ट वापस करने के लिए हम सब से 400-400 डालर की मांग की गई। हमने किसी तरह घर से पैसों की व्यवस्था की और इराक से सीधा दुबई आ गए।

उन्होंने दावा किया कि हम वहां (दुबई) से अहमदाबाद पहुंच गए। यहां पहुंचने पर हमारे पास कोई पैसे नहीं थे। किसी तरह हम पैदल हवाई अड्डे से रेलवे स्टेशन पहुंचे। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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