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ज़ी मीडिया ब्यूरो
पटना : लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में बगवात हो गया है। बिहार में राजद के 13 विधायकों ने आज (सोमवार को) पार्टी छोड़ दी है। बिहार में लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 22 में से 13 विधायकों ने नीतीश कुमार सरकार को समर्थन दे दिया। अल्पसंख्यक समुदाय के पांच विधायकों सहित 13 ने पार्टी विधायक सम्राट चौधरी के आवास पर मुलाकात की और विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को पत्र लिखकर राजद से नाता तोड़ लिया और नीतीश कुमार सरकार को समर्थन देने की इच्छा जाहिर की।
राजद विधायक जावेद इकबाल अंसारी ने पुष्टि की कि 13 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर राजद से अपना समर्थन वापस ले लिया और नीतीश कुमार की जद यू सरकार को समर्थन देने को कहा। राजद के जिन विधायकों ने पार्टी छोड़ी है उनमें सम्राट चौधरी, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, दुर्गा प्रसाद सिंह, ललित यादव, अनिरूद्ध कुमार, जितेन्द्र राय, अख्तर उल इस्लाम शाहिन, अख्तर उल इमान, अब्दुल गफ्फूर, फैयाज, जावेद इकबाल अंसारी, राम लखन राम रमन और चंद्रशेखर शामिल हैं।
हालांकि आरजेडी ने दावा किया है कि 13 बागी विधायकों 6 लौट आए हैं। साथ ही यह भी दावा किया गया कि कुछ और विधायक भी जल्द वापस आ सकते हैं। विधानसभा में राजद विधायक दल के नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार की अल्पमत की सरकार इस तोड़-फोड़ के पीछे शामिल है।
राजद में टूट की खबर विधायक दल के नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी राजद में टूट के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के बारे में पार्टी से बाहर जाने की बात कही जा रही है उनमें से 6 विधायक लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि इस विधायकों को धोखे में रख कर कागजात पर दस्तखत करवाए गए थे। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता इन सबको सबक सिखाएगी।
राजद के वरिष्ठ नेता शकुनी चौधरी के पुत्र सम्राट चौधरी ने आरोप लगाए कि लालू प्रसाद ने पिछले तीन महीने में अपनी पार्टी को कांग्रेस की बी टीम बना दिया है। चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, जिस पार्टी ने अध्यादेश फाड़कर उन्हें जेल भेज दिया वह लालू प्रसाद के लिए आदर्श बन गई है और वह उसके नेताओं का गुणगान करते नहीं थकते। चौधरी एक सड़क पुल का उद्घाटन करने के लिए कल मुख्यमंत्री के साथ हेलीकॉप्टर में खगड़िया गए थे। उन्होंने कहा, लालू प्रसाद के लिए बेहतर है कि लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन करने के बजाए वह पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लें।
यह पूछने पर लालू प्रसाद ने पहले भी कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था और पार्टी छोड़ने का कारण पूछा तो सम्राट चौधरी ने कहा कि इस बार स्थिति अलग है। बांका से राजद विधायक जावेद इकबाल अंसारी ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, भाजपा से नाता तोड़कर कुमार ने नरेन्द्र मोदी जैसे सांप्रदायिक नेता के खिलाफ लड़ने की प्रतिबद्धता दिखाई है। यह पूछने पर कि वह किस दल में शामिल होंगे तो अंसारी ने कहा, निश्चित रूप से जद यू में ताकि सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ नीतीश कुमार के हाथ मजबूत किये जा सके। राजद के 13 विधायकों के समर्थन से 238 सदस्यों वाले सदन में नीतीश कुमार सरकार की क्षमता 128 हो जाएगी जो 122 के जादुई आंकड़े से ज्यादा है। जद यू में फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सहित 116 विधायक हैं। इसके पास कांग्रेस के चार विधायकों, चार निर्दलीय और भाकपा माले के एक विधायक का समर्थन है।
बिहार में राजद के कुल 22 विधायक हैं। दल-बदल कानून के तहत पार्टी में टूट के लिए दो तिहाई विधायकों का समर्थन जरूरी है। अलग पार्टी बनाने या दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए इस नए गुट को कम से कम 15 विधायकों की जरूरत होगी।