सरकार को ब्लैकमेल करना चाहती हैं बिजली कंपनियां : केजरीवाल
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सरकार को ब्लैकमेल करना चाहती हैं बिजली कंपनियां : केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रहीं बीएसईएस की वितरण कंपनियों पर 10 घंटे प्रति दिन तक की बिजली कटौती की धमकी देकर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश करने का आज आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने इन कंपनियों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि उनके लाइसेंस तक रद्द किए जा सकते हैं।

नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रहीं बीएसईएस की वितरण कंपनियों पर 10 घंटे प्रति दिन तक की बिजली कटौती की धमकी देकर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश करने का आज आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने इन कंपनियों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि उनके लाइसेंस तक रद्द किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि टाटा और अंबानी ही देश में बिजली वितरण का काम नहीं करते हैं। सरकार कंपनियों को भी प्रदेश देने की इच्छुक है। गौर तलब है कि इस समय दिल्ली में वितरण का काम टाटा समूह और अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के पास है।
अनिल अबानी के नेतृत्ववाली रिलायंस इन्फ्रा के सहयोग से चलने वाली बीएसईएस ने दिल्ली सरकार को आगाह किया है कि धन की कमी के मद्देनजर वह कल से आठ से 10 घंटे की बिजली कटौती कर सकती है। इस संबंध में केजरीवाल ने कहा ‘बिजली कटौती की कोई वजह नहीं है। मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हूं कि यदि वे भविष्य में भय पैदा करने की कोशिश करते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।’ बड़ी बिजली कटौती की कोई भी वजह खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की वितरण कंपनियों के बही-खाते बहुत से सवालों के घेरे में हैं।
केजरीवाल ने जनता को आश्वस्त किया है कि बिजली कटौती की कोई संभावना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा ‘कंपनियां लेखा-परीक्षण में कैग के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं जिससे संदेह और बढ़ता है। सरकार चुप-चाप नहीं बैठेगी। सरकार उनके लाइसेंस रद्द करने से नहीं हिचकेगी।’ उन्होंने कहा ‘‘बिजली कंपनियां बिजली संकट पैदा करने के लिए गड़बड़ी कर रही हैं और हमें हमें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही हैं।’ मुख्य सचिव के साथ बिजली कंपनियों की बैठक का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘हम दूसरी कंपनियों को लाएंगे। देश में सिर्फ यही दो कंपनियां नहीं है। सिर्फ टाटा और अंबानी द्वारा परिचालित कंपनियां ही नहीं हैं। दूसरी कंपनियां भी हैं ।’
वितरण कंपनियों को ऐसे तरीकों से सरकार पर दबाव बनाने के तरीकों से बाज आने की हिदायत देते हुए केजरीवाल ने लोगों को आश्वस्त किया कि अब बिजली कटौती नहीं होगी। उन्होंने कहा ‘मैं दिल्ली की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसा कुछ नहीं होगा।’ बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड ने दिल्ली सरकार को सूचित किया है कि केंद्रीय और पूर्वी दिल्ली को कल से आठ से 10 घंटे की बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा क्योंकि कंपनी को बिजली खरीदने के लिए धन की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली के बिजली सचिव पुनीत गोयल को लिखे एक पत्र में बीएसईएस यमुना पावर लि. ने इस कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार से तुरंत वित्तीय सहायता मांगी है क्योंकि वह एनटीपीसी और एनएचपीसी समेत विभिन्न सरकारी बिजली उत्पादक कंपनियों को बिजली के बकाए का भुगतान नहीं कर पा रही है।
कंपनी ने कहा है, ‘पिछले कई साल से लागत के अनुरूप बिजली का शुल्क नहीं मिलने के कारण उसका राजस्व घाटा साल दर साल उंचा होता जा रहा है। 2011-12 तक यह घाटा 2,855 करोड़ रपए तक पहुंच गया था जिसे दिल्ली बिजली नियामक आयोग ने भी माना है।’ कंपनी ने कहा कि अब उसके पास बिजली उत्पादन कंपनियों को भुगतान करने की वित्तीय क्षमता या संसाधन नहीं है। (एजेंसी)

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