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पेरिस : राष्ट्रपति फांस्वा ओलोंद ने म्यामांर की आंग सान सू ची के पेरिस प्रवास के दौरान कहा कि उनके देश में लोकतंत्र की खातिर हो रहे परिवर्तन को समर्थन देने के लिए फ्रांस हरसंभव कदम उठाएगा।
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित सू ची का यूरोप का दौरा अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने अपने देश की अर्थव्यवस्था के लिए निवेश का आह्वान किया लेकिन कहा कि यह इन दिनों चल रहे राजनीतिक सुधारों की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
एलिसी पैलेस में सू ची का स्वागत करने के बाद कल ओलोंद ने कहा कि फ्रांस म्यामां के सुधारों का हरसंभव तरीके से समर्थन करेगा और अगर सुधारवादी राष्ट्रपति थीन सीन फ्रांस आना चाहते हैं तो पेरिस उनकी मेजबानी के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि उनका देश म्यामां में लोकतंत्र के लिए बदलाव का यूरोपीय संघ के साथ पूरा समर्थन करेगा ताकि यह प्रक्रिया एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंच सके।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पूर्व जनरल थीन सीन के बारे में पूछने पर ओलोंद ने कहा कि अगर वह आना चाहते हैं तो जरूर आएं। पिछले सप्ताह थीन सीन को म्यामां के पूर्व औपनिवेशिक शासक ब्रिटेन ने आमंत्रित किया था। स्विटजरलैंड, नार्वे, आयरलैंड और ब्रिटेन के दौरे के बाद 67 वर्षीय सू ची फ्रांस आईं और उनका स्वागत उस तरह किया गया जिस तरह किसी देश के प्रमुख का किया जाता है। उन्होंने ओलोंद के साथ रात्रि भोज लिया। सू ची ने पेरिस में कहा कि हमें लोकतंत्र के साथ साथ आर्थिक विकास की भी जरूरत है। विकास लोकतंत्र का पर्याय नहीं हो सकता। इसका उपयोग तो देश के लोकतंत्र की नींव मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसाधनों से समृद्ध देश म्यामांर में निवेश के लिए उद्योगों तथा कारोबार में वित्तीय पारदर्शिता जरूरी है।
ओलोंद ने सू ची से यह भी कहा कि फ्रांसीसी तेल कंपनी टोटल म्यामां में तटीय यदाना गैस क्षेत्र में तेल की खोज कर रही है। यह कंपनी देश के पर्यावरण एवं श्रम कानूनों का ध्यान रखती है। म्यामांर में टोटल की मौजूदगी पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यह आरोप लगाया है कि कंपनी मानवाधिकारों का हनन करने के आरोपी पूर्ववर्ती सैन्य शासकों के साथ सहयोग करती रही है। (एजेंसी)