Advertisement: अरे! विज्ञापनों पर खर्च में हो सकता है इजाफा, इतने लाख करोड़ रुपये का है अनुमान
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Advertisement: अरे! विज्ञापनों पर खर्च में हो सकता है इजाफा, इतने लाख करोड़ रुपये का है अनुमान

Advertisement Spending: 2022 में विज्ञापन कारोबार में पिछले साल की तुलना में 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है. इसके अनुसार भारत सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले शीर्ष 10 बाजारों में शामिल हो जाएगा और इस साल व्यय के मामले में आठवां सबसे बड़ा बाजार है. डिजिटल पर भारी खर्च के साथ आधुनिक और ज्यादा लक्षित माध्यम में कुल व्यय का हिस्सा 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ 56 प्रतिशत हो जाएगा.

Advertisement: अरे! विज्ञापनों पर खर्च में हो सकता है इजाफा, इतने लाख करोड़ रुपये का है अनुमान

Advertisement Industry: आज के दौर में अपने प्रॉडक्ट या अपनी सर्विस लोगों तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन काफी जरूरी माध्यम माना जाता है. विज्ञापन के जरिए काफी लोगों तक अपनी सर्विस या प्रॉडक्ट को लेकर जागरूक कर सकते हैं. इस बीच विज्ञापनों पर होने वाले खर्च में इजाफा होने का अनुमान है. भारत में विज्ञापनों पर खर्च 2023 में 15.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.46 लाख करोड़ पर पहुंच सकता है.

विज्ञापन पर खर्च
मीडिया एजेंसी ग्रुपएम ने कहा कि 2022 में विज्ञापन कारोबार में पिछले साल की तुलना में 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है. इसके अनुसार भारत सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले शीर्ष 10 बाजारों में शामिल हो जाएगा और इस साल व्यय के मामले में आठवां सबसे बड़ा बाजार है. डिजिटल पर भारी खर्च के साथ आधुनिक और ज्यादा लक्षित माध्यम में कुल व्यय का हिस्सा 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ 56 प्रतिशत हो जाएगा.

विज्ञापन
इसमें कहा गया कि परंपरागत टीवी माध्यम पर विज्ञापन का हिस्सा 31 प्रतिशत से मामूली गिरावट के साथ 30 प्रतिशत रह गया. विज्ञापन में बढ़े खर्च का 71 प्रतिशत डिजिटल विज्ञापनों पर और 18 प्रतिशत टीवी विज्ञापनों पर खर्च किया जाएगा. कंपनी का अनुमान है कि प्रिंट पर विज्ञापन व्यय 2022 के 11 प्रतिशत से और गिरकर इस साल 10 प्रतिशत रह जाएगा. हालांकि, प्रिंट विज्ञापन पर कुल खर्च इस साल के 13,519 करोड़ रुपये से बढ़कर 14,520 करोड़ रुपये हो जाएगा.

विज्ञापन इंडस्ट्री
बता दें कि इस साल कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और आने वाले साल 2024 में देश में लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं. ऐसे में इन चुनावों में भी विज्ञापन भारी मात्रा में दिए जाने की उम्मीद है, जिसके कारण भी भारत में विज्ञापनों पर खर्च बढ़ सकता है. (इनपुट: भाषा)

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