LIC में न‍िवेश करने वालों के ल‍िए खुशखबरी, कंपनी ने नए व‍ित्‍तीय वर्ष में बनाया र‍िकॉर्ड
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LIC में न‍िवेश करने वालों के ल‍िए खुशखबरी, कंपनी ने नए व‍ित्‍तीय वर्ष में बनाया र‍िकॉर्ड

LIC Q1 Results: एलआईसी का प्रॉफ‍िट बढ़ने का असर इसके शेयर पर पड़ सकता है. जानकारों का मानना है क‍ि आने वाले समय में एलआईसी के शेयर में तेजी आ सकती है. 

LIC में न‍िवेश करने वालों के ल‍िए खुशखबरी, कंपनी ने नए व‍ित्‍तीय वर्ष में बनाया र‍िकॉर्ड

LIC Profit: अगर आपने भी एलआईसी (LIC) के शेयर में न‍िवेश क‍िया हुआ है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का नेट प्रॉफ‍िट चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कई गुना बढ़कर 9,544 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई. पब्‍ल‍िक सेक्‍टर की इंश्‍योरेंस कंपनी ने बीते वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में 683 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. एलआईसी का प्रॉफ‍िट बढ़ने का असर इसके शेयर पर पड़ सकता है. जानकारों का मानना है क‍ि आने वाले समय में एलआईसी के शेयर में तेजी आ सकती है.

जून तिमाही में 1,88,749 करोड़ रुपये की कमाई

एलआईसी (LIC) की तरफ से शेयर बाजार को बताया कि कंपनी की कुल आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 1,88,749 करोड़ रुपये हो गई. यह बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,68,881 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने कहा कि हालांकि जून तिमाही में पहले साल का प्रीमियम घटकर 6,811 करोड़ रुपये रह गया, जो जून, 2022 तिमाही में 7,429 करोड़ रुपये था. बीमा कंपनी ने जून तिमाही में 53,638 करोड़ रुपये कमाए. प‍िछले व‍ित्‍त वर्ष की समान तिमाही में 50,258 करोड़ रुपये कमाए थे.

जून तिमाही में निवेश से शुद्ध आय बढ़कर 90,309 करोड़ रुपये हो गई, जबकि जून, 2022 तिमाही में यह 69,571 करोड़ रुपये थी. संपत्ति गुणवत्ता के मामले में एनपीए (NPA) सुधार के साथ जून तिमाही में 2.48 प्रतिशत हो गया, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5.84 प्रतिशत था. वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही में निवेश से आमदनी बढ़कर 90,309 करोड़ रुपये हो गई, जो क‍ि पिछले साल 69,570 करोड़ रुपये थी.

कंपनी ने 30 जून, 2023 को संपन्‍न हुई तिमाही के दौरान व्यक्तिगत खंड में 32,16,301 पॉल‍िस‍ियां ​बेचीं. 30 जून, 2022 को समाप्त तिमाही के दौरान 36,81,764 पॉलिसियां ​​बेची गईं. एलआईसी के एमडी और सीईओ सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि पॉलिसियों की संख्या में गिरावट काफी हद तक टिकट साइज मॉडल में बदलाव के कारण है.

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