World Stroke Day: एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कम उम्र में भी ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है. जिसके पीछे आपकी जेब में पड़ी ये चीज कारण बन सकती है.
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World Stroke Day 2021: बदलते समय में एक चीज हर किसी के जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा बन गई है और वह मोबाइल है. जो कि हर किसी की जेब में रहता है. आप जितना मोबाइल की स्क्रीन पर समय बिताएंगे, आपकी संभावित अधिकतम उम्र कम होती जाती है. मोबाइल इस्तेमाल करने वाले समय को एक्सपर्ट की भाषा में डिजिटल स्क्रीन टाइम कहा जाता है और यह ब्रेन स्ट्रोक अटैक जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकती है. लेकिन डॉ. मनीष गुप्ता ने मोबाइल के कारण होने वाले स्ट्रोक के खतरे को कम करने का तरीका बताया है.
Stroke in hindi: इतने घंटे से ज्यादा मोबाइल चलाने से आ सकता है स्ट्रोक
जेपी हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनीष गुप्ता के अनुसार, जब हमें कोई कार्य करने से आनंद मिलता है, तो हमारे दिमाग में डोपामाइन नामक केमिकल तत्व का स्तर बढ़ने लगता है. ऐसा ही मोबाइल इस्तेमाल करने से होता है. समय के साथ आनंद और खुशी देने वाला मोबाइल हमारी लत बन सकता है और हमें अपने पसंदीदा खाने, परिवार आदि से उसके जितना आनंद नहीं मिल पाता. एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रतिदिन 2 घंटे से जितने ज्यादा घंटे आप मोबाइल या डिजिटल स्क्रीन पर बिताते हैं, आपको स्ट्रोक होने का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ते जाता है. जो कि युवाओं में स्ट्रोक आने का मुख्य कारण है.
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Brain Stroke Precautions: स्ट्रोक से बचाव के लिए स्क्रीन टाइम को कैसे कम करें?
विश्व स्ट्रोक दिवस 2021 पर डॉ. मनीष गुप्ता ने स्ट्रोक का खतरा कम करने के लिए डिजिटल स्क्रीन टाइम को घटाने के तरीके बताए हैं. जैसे-
Brain Stroke Causes in youth: युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक होने के कारण
डॉ. मनीष गुप्ता के मुताबिक, युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक आने का खतरा इन कारणों से होता है.
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Brain Stroke Treatment: स्ट्रोक का इलाज पूरी तरह हो सकता है
World Stroke Day 2021 पर सीनियर कंसल्टेंट ने बताया कि अगर मरीज को समय पर हॉस्पिटल ले आया जाए और उसे जरूरी ट्रीटमेंट मिल सके, तो स्ट्रोक को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. स्ट्रोक अटैक आने के 6 घंटे बाद तक गोल्डन पीरियड होता है. अगर इस टाइम तक मरीज को ब्रेन स्ट्रोक ट्रीटमेंट नहीं मिलता है, तो दिमाग को ठीक ना हो सकने वाला नुकसान पहुंच सकता है. जिसमें 80 प्रतिशत मामलों में जीवनभर की अक्षमता देखी गई है. अब एडवांस और नयी इमेजिंग तकनीक के कारण स्ट्रोक की समस्या को रिवर्स करने के लिए ब्रेन स्ट्रोक अटैक आने के बाद 24 घंटे काफी महत्वपूर्ण होते हैं.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.