नई दिल्ली: मलेशिया के 92 साल के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद शायद बुढ़ापे की वजह से सही गलत की पहचान भूलते जा रहे हैं. या फिर अपने देश की राजनीतिक मजबूरियां उन्हें विवादास्पद बयान देने पर मजबूर कर रही हैं.
नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA पर महातिर ने की टिप्पणी
मलेशियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद ने कहा कि ''मुझे ये देखकर दुख हो रहा है कि भारत जो धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करता है, आज मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीन रहा है. अगर हम ये कानून अपने यहां लागू करें तो मुझे नहीं पता कि क्या होगा. हर जगह अस्थिरता और अराजकता होगी जिससे सभी को जूझना होगा.'' महाथिर मोहम्मद ने कुआलालंपुर समिट 2019 के दौरान यह बयान दिया.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जताया कड़ा विरोध
महातिर मोहम्मद की इस टिप्पणी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा ऐतराज जताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ''कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मलेशिया के प्रधानमंत्री ने फिर से भारत के आतंरिक मामले पर टिप्पणी की है.
नागरिकता कानून तीन देशों से आए गैर नागरिकों की पहचान के लिए है. यह कानून भारत के किसी भी नागरिक की नागरिकता को प्रभावित नहीं करता. ना ही किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक के खिलाफ है. मलेशिया के प्रधानमंत्री का बयान तथ्यहीन है. हम उम्मीद करते हैं कि बिना तथ्य के मलेशिया भारत के किसी भी आतंरिक मामले पर भविष्य में बोलने से बचेगा.''
MEA: According to media reports, Malaysia's PM has yet again remarked on matter that is entirely internal to India. Citizenship Amendment Act provides for citizenship through naturalization to be fast-tracked for non-citizens who are persecuted minorities from three countries. pic.twitter.com/bY29GJ0wX5
— ANI (@ANI) December 20, 2019
पहले भी हिमाकत कर चुके हैं महातिर मोहम्मद
मलेशिया जैसा देश जो भारत के एक शहर के बराबर भी नहीं है. उसके प्रधानमंत्री भारत के अंदरुनी मामलों पर बोलने की हिमाकत कर रहे हैं. वो बिना तथ्यों को जाने भारत के खिलाफ आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं.
क्या वो जानते नहीं हैं कि CAA का भारत के मुसलमानों से कोई संबंध नहीं है. यह सिर्फ बाहर से आए अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्ती की वकालत करता है. उसके लिए भी पूरी कानूनी प्रक्रिया है.
महातिर गंवा रहे हैं अपनी साख
महातिर मोहम्मद पहले भी कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर टिप्पणी कर चुके हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मसला उठाते हुए भारत के खिलाफ टिप्पणिया करने की जुर्रत की थीं. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने महातिर मोहम्मद के इस बयान को कोई महत्व नहीं दिया और इसे भारत का आंतरिक मामला बताकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
लेकिन इस घटना से पूरी दुनिया के सबसे बुजुर्ग नेताओं में से एक माने जाने वाले महातिर मोहम्मद की साख को भारी नुकसान हुआ. उनकी छवि नॉन सीरियस बयानबाजी करने वाले नेता की बनकर रह गई.
भारतीय व्यापारियों ने दिखा दी थी मलेशिया को औकात
महातिर के बिगड़ते बोल की वजह से भारत सरकार नाराज तो हुई. लेकिन उसने बयान जारी करने के सिवा और कोई कदम नहीं उठाया.
लेकिन भारत के देशभक्त व्यापारी चुप नहीं बैठे उन्होंने मलेशिया से पाम ऑयल का आयात रोक दिया. जिसकी वजह से मलेशिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ. मलेशिया से भारत हर साल 30 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है. इसके बाद बहुत दिनों तक महातिर मोहम्मद भारत के खिलाफ किसी तरह की विवादास्पद बयानबाजी करने से बचते रहे।
लेकिन महातिर मोहम्मद ने एक बार फिर से सीमाएं लांघी है. अब वक्त आ गया है कि भारत मलेशिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, जिससे कि दोबारा उसकी कभी इस तरह की गलतबयानी करने की हिम्मत ना हो.