दिल्ली: निर्भया के गुनहगारों का नया डेथ वॉरंट जारी करने की मांग पर ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में दोषी पवन गुप्ता ने कहा कि उसके पास कोई वकील नहीं है तो इस पर अदालत ने उसे कानूनी मदद देने की पेशकश की. इस पर निर्भया की मां दुखी हो गईं और अदालत से जल्द न्याय देने की गुहार लगाई. दोषियों की फांसी लगातार टल रही है और इससे निर्भया के परिवार की पीड़ा भी लगातार बढ़ रही है क्योंकि न्याय पाने का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है.
दोषी आखिरी सांस तक कानूनी मदद का हकदार- अदालत
अदालत ने कहा कि कोई भी दोषी अपनी आखिरी सांस तक कानूनी मदद पाने का हकदार है. कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को वकीलों की सूची दोषी पवन को सौंपने के निर्देश दिए. वहीं पवन को अपनी पसंद का वकील चुनने की इजाजत भी दी. इसके बाद दिल्ली विधिक सहायता प्राधिकरण (डीएलएसए) ने पवन के पिता को वकीलों की सूची सौंपकर अपने वकील का चुनाव करने को कहा.
डेथ वॉरंट जारी करने के लिए निर्भया के परिवार ने दायर की थी याचिका
Delhi: Parents of 2012 gang-rape victim and women rights activist Yogita Bhayana stage demonstration outside Patiala House Court, demanding hanging of convicts. pic.twitter.com/s9xRqExNx4
— ANI (@ANI) February 12, 2020
निर्भया के माता-पिता और दिल्ली सरकार ने नया डेथ वॉरंट जारी करने के लिए अर्जी दायर की थी. दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था. इधर दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलवाना चाहता है विनय
विनय के वकील एपी सिंह के जरिए दायर अर्जी में विनय ने कहा कि वह मानसिक रूप से बीमार है और कानूनन मानसिक रोगी को फांसी नहीं दी जा सकती. याचिका में विनय शर्मा ने कहा कि तिहाड़ जेल में लगातार टार्चर किए जाने से उसे 'इमेंस साइकोलॉजिकल ट्रॉमा' नाम की मानसिक बीमारी हो गई है. उसने जेल में इलाज के दस्तावेज देते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की.
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