तुर्की के इरादे भी नेक नहीं लग रहे हैं, खुफिया एजेंसियों ने चेताया

ज़ी मीडिया को जानकारी मिली है कि पिछले कुछ महीनों में भारत से कई मौलवी और इस्लाम के जानकरों को तुर्की बुलाया गया है. उन्हें शरिया से जुड़े कई कोर्सज भी कराए जा रहे हैं. इन कोर्सज के दौरान उन्हें ये भी बताया जा रहा है कि भारत उनके लिए सुरक्षित नहीं है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 17, 2020, 02:45 PM IST
तुर्की के इरादे भी नेक नहीं लग रहे हैं, खुफिया एजेंसियों ने चेताया

नई दिल्लीः पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की के इरादे भी नेक नहीं लग रहे हैं. ऐसे कई वाकये आ चुके हैं, जिनमें तुर्की का भारत से विरोध साफ झलकता दिखता है. अब खुफिया एजेंसियों ने भी इस पर संदेह जताया है. एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें कहा गया है कि तुर्की के जेहादी इस्लामिक संगठन भारत में नफरत फैलाने की साजिश रच रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की के इस्लामिक संगठन भारत के मौलवियों और इस्लाम से जुड़े जानकारों को ये कहकर भड़का रहे हैं कि भारत में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं और उन्हें हिंदुओ से खतरा है. 

तुर्की से संबंधित संगठनों पर नजर रखने के निर्देश
ज़ी मीडिया को जानकारी मिली है कि पिछले कुछ महीनों में भारत से कई मौलवी और इस्लाम के जानकरों को तुर्की बुलाया गया है. उन्हें शरिया से जुड़े कई कोर्सज भी कराए जा रहे हैं. इन कोर्सज के दौरान उन्हें ये भी बताया जा रहा है कि भारत उनके लिए सुरक्षित नहीं है. खुफिया एजेंसियों से मिली इस इनपुट को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने तुर्की से जुड़े ऐसी सभी संगठनों पर कड़ी नजर रखने को कहा है जो भारत में नफरत फैलाने की साजिश रच रहे हैं.  

तुर्की को चेतावनी दे चुका है भारत
तुर्की लगातार भारत के खिलाफ अक्रामक रुख अपनाए हुए है. पिछले दिनों पाकिस्तान दौरे पर आए तुर्की के राष्ट्रपति ने भारत के ऐतराज के बावजूद कश्मीर का मुद्दा उठाया था और भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा कि उनका मुल्क इस मामले में पाकिस्तान की हिमायत करेगा जिस पर हिंदुस्तान ने सख्त ऐतराज का इजहार किया था.

दो दिनों के दौरे पर पाकिस्तान गए एर्दोआन ने पाकिस्तान की पार्लियामेंट में कहा था कि तुर्की इस हफ्ते पेरिस में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर होने की पाकिस्तान के कोशिशों का समर्थन करेगा.

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तुर्की दियानेट फाउंडेशन की सक्रियता संदेहास्पद 
भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इस मामले में उसे किसी देश की दखलदांजी बर्दाश्त नहीं है. तुर्की दियानेट फाउंडेशन जैसी संस्था आए दिन भारत और नेपाल जैसे देशों के मौलवियों और इस्लाम से जुड़े जानकारों को तुर्की आमंत्रित करती रहती है. तुर्की दियानेट फाउंडेशन तुर्की सरकार की डायरेक्टरेट ऑफ रिलीजियस अफेयर्स की एक विंग है.

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