नई दिल्लीः अभी दिल्ली हिंसा की आग ठंडी भी नहीं हुई है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर राजनीति शुरू हो गई. मामला हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले से तूल पकड़ रहा है. इसके बाद से कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर हमलावर हैं. कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है कि आधी रात को जस्टिस मुरलीधर के तबादले से हैरानी हुई. कहा कि सरकार न्याय का मुंह बंद करना चाहती है. हालांकि सरकार का तर्क है कि जस्टिस मुरलीधर का तबादला कोलेजियम की 12 फरवरी की सिफारिश के आधार पर किया गया है.
राष्ट्रपति से मिलने पहुंचा प्रतिनिधि मंडल
दिल्ली हिंसा मामले में कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंच गया. इस प्रतिनिध मंडल में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, आनंद शर्मा, रणदीप सुरेजवाला समेत कई नेता शामिल हैं. राष्ट्रपति कोविंद को कांग्रेस की ओर से मेमोरेंडम दिया गया.
Delhi: A delegation from the Indian National Congress led by Congress interim president Sonia Gandhi and former Prime Minister Dr. Manmohan Singh called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan today. pic.twitter.com/BdiNPVU5pW
— ANI (@ANI) February 27, 2020
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि गृह मंत्री और पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम रही. दिल्ली और केंद्र सरकार ने हिंसा की अनदेखी की. हिंसा की वजह से अब तक 34 लोगों की मौत हुई, 200 से अधिक लोग घायल हैं. करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ. इस मेमोरेंडम में हिंसा के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ ही पीड़ितों को मदद मुहैया कराने की मांग की गई है.
और फिर मांगने लगे अमित शाह से इस्तीफा
इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि घटना को लेकर कार्रवाई करने की बजाय केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी रही. गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोई कार्रवाई नहीं की, इसकी वजह से 34 लोगों की जान चली गई. सोनिया गांधी ने एक बार फिर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की और कहा कि वह स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हुए हैं.
कांग्रेस ने दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के अचानक तबादले पर सवाल उठाया. प्रियंका गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आधी रात में जस्टिस मुरलीधर के तबादले से हैरानी हुई. प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया और कहा, ‘बहादुर जज लोया को नमन, जिनका ट्रांसफर नहीं किया गया था.’
कानून मंत्री ने दिया जवाब
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले पर बवाल शुरू हो गया है. कांग्रेस की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवालों का केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर पर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कोलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की सिफारिश की थी. इसके बाद पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद तबादला आदेश जारी हुआ.
Union Minister RS Prasad: By politicizing a routine transfer, Congress has yet again displayed its scant regard for the judiciary. People of India have rejected Congress Party & hence it's hell-bent on destroying the very institutions India cherishes by constantly attacking them. https://t.co/M45oL7muq4
— ANI (@ANI) February 27, 2020
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'जस्टिस मुरलीधर का तबादला भारत के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की 12 फरवरी की सिफारिश के अनुसार किया गया था. जज का ट्रांसफर करते समय जज की सहमति ली जाती है. अच्छी तरह से तय प्रक्रिया का पालन किया गया है.