अल्पमत में आ चुकी कमलनाथ सरकार कैसे ले रही है बड़े फैसले?

मध्य प्रदेश में भले ही कमलनाथ सरकार के विश्वास मत पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं. लेकिन कमलनाथ ताबड़तोड़ राजनीतिक नियुक्तियों से लेकर नए जिला बनाने तक जैसे अहम फैसले ले रहे हैं. विपक्ष की निगाहें इसपर लगी हुई हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 18, 2020, 09:19 PM IST
    • कमलनाथ कर रहे हैं नीतिगत फैसले
    • अल्पमत में आ चुकी है सरकार
    • विपक्ष ने राज्यपाल के पास की शिकायत
    • कई कांग्रेसियों में राज्य में आयोगों का अध्यक्ष बनाया
    • तीन नए जिले बनाने की घोषणा कर दी
    • सुप्रीम कोर्ट में चल रही है विश्वास मत पर सुनवाई
    • उसी दिन कमलनाथ सरकार ने कई वित्तीय फैसले ले लिए
अल्पमत में आ चुकी कमलनाथ सरकार कैसे ले रही है बड़े फैसले?

भोपाल: संकट के दौर में गुजर रही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार कैबिनेट फैसले लेने में जुटी हुई है.  सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान भी कमल नाथ कैबिनेट की बैठक हुई और कई अहम फैसले लिए.  इसी के साथ ही कई राजनैतिक नियुक्तियां भी जारी की जा रही हैं.  ये फैसले सरकार गिरने का इंतजार कर रही बीजेपी की आंखों में फांस की तरह चुभ रहे हैं.

लिए जा रहे हैं बड़े नीतिगत फैसले
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चलती रही और कमल नाथ कैबिनेट लगातार फैसले लेती रही. तीन नए जिले बनाने को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.

 नागदा, मैहर और चाचौड़ा को जिले बनाकर कांग्रेस सरकार ने कई हित साध लिए हैं.  चाचौड़ा को जिला बनाने की मांग लंबे अर्से से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह कर रहे थे.  इस मामले में लेटलतीफी पर वे सरकार को कोस भी चुके थे, लेकिन अब उन्हें संतुष्टि मिली है.

 इसी के साथ मैहर को जिला बनाकर सरकार ने नारायण त्रिपाठी को सेट कर लिया है.  बीजेपी सरकार के दौरान से मैहर को जिला बनाने की मांग कर रहे थे, इसी मांग को लेकर वे कांग्रेस के करीब भी आ गए थे. इसी तरह नागदा में कांग्रेस नेताओं ने आंदोलन छेड़ रखा था.
कई सामाजिक संगठनों ने भी इस मांग के पक्ष में थे, अब वे कांग्रेस के करीब आ सकेंगे.  नागदा के कांग्रेस विधायक दिलीप सिंह गुर्जर ने कहा कि नागदा जिला बनने से आम नागरिकों के ज्यादा सहूलियत मिल सकेगी.

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वित्तीय फैसले भी लिए जा रहे हैं
कमल नाथ कैबिनेट ने इसके अलावा कई वित्तीय फैसले लिए हैं. मसलन, मार्कफेड और नागरिक आपूर्ति निगम के लिए 26 हजार करोड़ की बैंक स्वीकृति का फैसला लिया गया है.
मुख्यमंत्री पेयजल योजना और सीवेज के लिए हुये टेंडर मे लगने वाले जीएसटी (दो हिस्सों मे लगता है सरकार और टेंडर क्रेता पर) मे सरकार का हिस्से को मंजूरी दे दी गई है.
इसी तरह ऑन लाइन स्टांप शुल्क की राशि मे 1 प्रतिशत की छूट दी जायेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए अब एमपी की अदालतों मे सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
सरकार ने इसके लिए 40 करोड़ रुपए 2020-21 के लिए मंजूर कर लिए गए हैं.
ताकेश्वर सिंह रिटायर्ड जज को न्यायिक पद पर संविदा नियुक्ति की गई है.
सरकार के संकट के दौर में कई अहम मसलों को भी अगली कैबिनेट में लाने का आग्रह किया है. जैसे, संविदा कर्मचारियों से जुड़े मामले अगली कैबिनेट मे रखे जायेंगे, इसके लिए मंत्रियों की सब कमेटी को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. 

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शोभा ओझा को दिया अहम पद
कमल नाथ सरकार ने इसके पहले महिला आयोग के अध्यक्ष पद पर शोभा ओझा को बैठा दिया है.  शोभा ओझा कमल नाथ के मध्य प्रदेश की राजनीति में कूदते ही कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष बनाया गया था.  इससे पहले वे महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा को महिला आयोग में सदस्य बनाया गया है. पिछड़ा वर्ग आयोग में प्रवक्ता जेपी धनोपिया को अध्यक्ष बनाया गया है.  कांग्रेस आईटी सेल के अध्यक्ष अभय तिवारी को युवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.  मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य के तौर पर आदिवासी युवा नेता रामू टेकाम की नियुक्ति की गई है.

भाजपा नेताओ की है नजर
संकट के दौर में कमलाथ सरकार के यह फैसले बीजेपी के आंखों की किरकिरी बन रहे हैं. बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने इन नियुक्तियों को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि अल्पमत की सरकार ये फैसले नहीं ले सकती है. 

सरकार बदलते ही इन फैसलों पर विचार किया जाएगा.  उधर, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का दावा है कि ये सरकार पूर्ण बहुमत में है और बीजेपी भ्रम फैला रही है.

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