भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को एक बार फिर राजभवन पहुंचा. बीजेपी नेताओं की राज्यपाल लालजी टंडन के साथ इस पूरे मामले पर चर्चा की. प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे. शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हमने राज्यपाल जी को अल्पमत की कांग्रेस सरकार द्वारा की जा रही संवैधानिक नियुक्तियों और अन्य निर्णयों पर रोक लगाने संबंधी ज्ञापन सौंपा.
फ्लोर टेस्ट से बच रही कमलनाथ सरकार
आज राजभवन में @BJP4MP प्रतिनिधिमंडल के साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन से भेंट की और अल्पमत की कांग्रेस सरकार द्वारा की जा रही संवैधानिक नियुक्तियों एवं अन्य निर्णयों पर रोक लगाने संबंधी ज्ञापन सौंपा। pic.twitter.com/AbV2MUKksI
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 17, 2020
आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार को मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने चिट्ठी लिखकर मंगलवार को ही फ्लोर टेस्ट करने को कहा था लेकिन वे इससे भाग रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. कोरोना का हवाला देकर विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई. इस बीच राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार को सख्त आदेश सुनाया है.
बागी विधायक इस्तीफा देने पर अड़े
सिंधिया गुट के बागी विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन विधायकों को बंदी बनाया है जो कि सरकार के खिलाफ अपनी भावनाएं जाहिर करना चाहते हैं. हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया है, हम अपनी मर्जी से यहां पर रुके हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कभी भी हमें 15 मिनट तक नहीं दिये. हम अपनी समस्याएं लेकर उनके पास जाते थे लेकिन वे कभी मिलते भी नहीं थे. हमने अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया है.
अल्पमत की कमलनाथ सरकार द्वारा लगातार की जा रही संवैधानिक नियुक्तियां रोकने के लिए आज माननीय राज्यपाल महोदय से मिलकर उन्हें ज्ञापन दिया।
प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivrajप्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp
श्री @bhupendrasingho श्री@RampalSingh_BJP शामिल थे। pic.twitter.com/aEbRFz90Gx— Gopal Bhargava (Leader of Opposition) (@bhargav_gopal) March 17, 2020
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बहुमत परीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
भाजपा की ओर से शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अदालत ने इस पर सुनवाई कल तक के लिये टाल दी. सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को नोटिस भी दिया है और कल इस मामले पर सुनवाई होगी.
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