नई दिल्लीः लॉकडाउन में लोगों के दो सहारे, जय सियाराम और जय श्रीकृष्ण. भगवान के दोनों अवतारों की कथा रामायण और महाभारत सीरियल के तौर पर इस समय दिखाई जा रही है. रामानंद सागर की बनाई रामायण आज भी बेजोड़ है और इसे बेहद दिलचस्पी के साथ देखा जाता है. जितनी इसकी कहानी दिलचस्प है, इसके बनने के दौरान घटी घटनाएं और भी ज्यादा रोचक हैं. हर एक कलाकार अपनी अलग स्टोरी है, जिसे देखसुन कर बरबस यूं ही निकल पड़ता है हरि अनंत हरिकथा अनंता.
कैकेयी के किरदार में डाली थी जान
इसी कड़ी में बात कर रहे हैं रामायण की सबसे जरूरी किरदार कैकेयी की. कैकेयी राजा दशरथ की सबसे प्रिय और सबसे सुंदर पत्नी थीं. वह एक योद्धा भी थीं और कई युद्ध अभियान में राजा दशरथ के साथ जाती थीं. उन्होंने देवासुर संग्राम में राजा दशरथ के प्राण भी बचाए थे, जिससे प्रसन्न होकर महाराज ने उन्हें दो वरदान दिए थे. फिर बाद में कैकेयी ने उन दो वरदानों को मांग कर राम के जीवन में टर्निंग पॉइंट लाया था. वह वन को चले गए और फिर सीता हरण जैसे कांड के कारण रावण वध हो सका. इन सारे प्रसंगों को रामायण में जीवंत तरीके से दिखाया गया था.
पद्मा खन्ना ने किया था यह किरदार
रामायण में यह जरूरी और दिलचस्प किरदार बीते जमाने की अदाकार पद्मा खन्ना ने किया था. उन्होंने इसे इस संजीदगी से निभाया कि जैसे वाकई कोई जिद्दी रानी हो. कोपभवन वाले दृश्य, वरदान मांगने का दृश्य, फिर भरत से संवाद का दृश्य जिस भी फ्रेम में पद्मा अपने किरदार में आती हैं वहां अपनी छाप छोड़ जाती हैं.
उनका कोप भवन वाला फिल्मांकन उनके लिए सबसे कठिन और भावपूर्ण था. इसे जीवंत बनाने में सबसे अधिक मुश्किल हुई थी. चेहरे पर भाव लाने के लिए उन्हें मानसिक तौर पर मेहनत करनी पड़ी थी.
फूट-फूट कर रो पड़ी थीं पद्मा
हम आपको उस सीन के किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे करने के बाद कैकई का किरदार निभा रहीं एक्ट्रेस पद्मा खन्ना कई घंटों तक रोई थीं. यही नहीं रामानंद सागर भी अपने आंसू नहीं रोक पाए. 'रामायण' के इस सीन में असली भावुकता भरने के लिए कैकई यानी पद्मा खन्ना ने पूरी तैयारी कर ली थी.
एक इंटरव्यू में पद्मा ने इसका जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि ये 'रामायण' का कोप-भवन वाला सीन था, जिसे लेकर उन्होंने खूब प्रैक्टिस की थी सारी तैयारियां हो चुकी थीं. पद्मा भी कोप भवन के उस सीन को देने के लिए एकदम तैयार थीं. सभी को पता था कि ये एक बेहद इमोशनल सीन होने वाला है, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि इसे करने के बाद पद्मा की क्या हालत होगी.
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कभी न भुला पाने वाला अनुभव
होता यह है कि इस सीन में राजा दशरथ से कैकई बुरी तरह नाराज हो जाती हैं और कोप भवन में चली जाती हैं. ये सीन काफी इमोशनल था. पद्मा इतनी बेहरीन एक्ट्रेस थीं कि सीन शुरू हुआ और उन्होंने सीन में जान डाल दी. वहीं शूटिंग पूरी हुई और कट बोले जाने के बाद भी पद्मा घंटों रोती रहीं.
वहीं खुद रामानंद सागर भी इस सीन पर इतने भावुक हो गए कि वो भी काफी देर तक अपने आंसू नहीं रोक पाए. इस बात से ही साफ हो जाता है कि 'रामायण' के सभी एक्टर्स के लिए ये सिर्फ एक शो नहीं, बल्कि एक अनुभव था, जो वो शायद कभी नहीं भूल सकते.
बतौर कैबरे डांसर रही पहचान
पद्मा का फिल्मी करियर भी रहा है. उन्होंने छोटे-बड़े तकरीबन 400 फिल्मों में काम किया है. पद्मा खन्ना ने फिल्मों में 12 साल की उम्र में ही डेब्यू कर लिया था लेकिन उन्हें करियर का सबसे बड़ा ब्रेक मिला 1970 में. जब सुपरहिट फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' में एक डांस नंबर करने का मौका मिला.
ज्यादातर फिल्मों में उन्हें डांसर के ही रोल मिले और कैबरे डांसर के तौर पर उनकी पहचान रही. फिर चाहे फिल्म 'लोफर' हो, ' जान-ए-बहार' हो या फिर 'पाकीजा'. 'आज की राधा' और 'टैक्सी चोर' जैसी कुछ ऐसी फिल्में रहीं जिनमें पद्मा ने अपनी एक्टिंग से इंप्रेस किया. फिल्म 'पाकीजा' में पद्मा खन्ना ने मीना कुमारी के बॉडी डबल का रोल किया था. आज पद्मा एक डांस अकेडमी चलाती हैं और लाइम लाइट से दूर हैं.
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