नई दिल्लीः पिछले 2-3 दिन काफी गरज-चमक के साथ हुई बारिश के बाद अब फिर मौसम बदलने की ओर रुख कर रहा है. दिल्ली-NCR समेत समूचे उत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू हो रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरी कर्नाटक में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो रही है और 24 घंटे इसके जारी रहने का अनुमान है.
हरियाणा में 23 अप्रैल से गरजेंगे बादल
जानकारी के मुताबिक 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के पश्चिमी भागों में एक-दो स्थानों पर बारिश होगी. उत्तर-पूर्वी भारत, केरल के कुछ हिस्सों और तटीय कर्नाटक में बारिश जारी रहेगी. असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बौछारें गिरने की संभावना है. 23 अप्रैल से 26 अप्रैल के बीच हरियाणा में गरज के साथ बारिश होने और आंधी चलने की संभावना है.
अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, उत्तरी-तटीय आंध्र प्रदेश और आंतरिक तमिलनाडु में एक-दो स्थानों पर वर्षा के आसार हैं।#weather #WeatherReport #WeatherUpdate #WeatherForecast https://t.co/Lpv50MFSqL
— SkymetWeather (@SkymetWeather) April 23, 2020
पश्चिमी विक्षोभ का दिख रहा है असर
चंडीगढ़, यमुनानगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों में गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं. अधिकांश जिलों में बादल छाने और कुछ जिलों में बारिश होने के चलते तापमान सामान्य से नीचे ही बने रहने की संभावना है. मौसम विभाग की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान पर दिखाई दे रहा है. उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. इस सिस्टम से महाराष्ट्र होते हुए उत्तरी कर्नाटक तक एक ट्रफ रेखा सक्रिय है. उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर बने सर्कुलेशन से छत्तीसगढ़, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुए पश्चिमी असम तक एक ट्रफ रेखा बन गई है.
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लॉकडाउन में तापमान ने बनाया रिकॉर्ड
पिछले 24 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई. दिल्ली-एनसीआर के लिए 2020 का अप्रैल एक दशक में दूसरा सबसे ठंडा अप्रैल महीना साबित हो सकता है. इससे पहले वर्ष 2012 में अप्रैल में तापमान औसत से नीचे रिकॉर्ड किया गया था.
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