नई दिल्ली: लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों में झड़प हो गई. इस झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 3 सैनिक शहीद हो गए हैं. जानकारी के अनुसार कल रात लद्दाख के गलवान घाटी में झड़प हुई. बताया जा रहा है कि लाठी डंडे और पत्थरों से लड़ाई हुई, जिसमें दोनों तरफ के सैनिक मारे गए हैं. चीन के 5 सैनिकों के मारे जाने का दावा चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने किया है.
During de-escalation process in Galwan Valley, a violent face-off took place last night with casualties. The loss of lives on Indian side includes an officer & 2 soldiers. Senior military officials of the two sides are currently meeting at the venue to defuse the situation: Army pic.twitter.com/Z3y9ocQu26
— ANI (@ANI) June 16, 2020
गालवान घाटी में डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान, बीती रात चीन ने फिर गुस्ताखी कर दी. भारतीय पक्ष में जानमाल का नुकसान हो गया. जानकारी के अनुसार एक अधिकारी और 2 सैनिक शहीद हो गए हैं. दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस स्थिति पर कंट्रोल करने के लिए घटना स्थल पर बैठक हुई.
इसके अलावा सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है कि सैनिक गतिविधियां बढ़ाई जाने की तैयारी है. सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की पठानकोट सैन्य स्टेशन की योजनाबद्ध यात्रा रद्द कर दी गई है ऐसा सेना के सूत्रों का कहना है.
Army Chief Gen MM Naravane’s planned visit to Pathankot military station has been cancelled: Army Sources pic.twitter.com/EIQS2OT8Gl
— ANI (@ANI) June 16, 2020
वहीं चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स इस झड़प के लिए भारतीय सैनिकों को जिम्मेदार ठहराया है. इसमें हैरान होने वाली बात नहीं है, क्योंकि ये चीन की आदत में शुमार है.
Indian troops on Monday seriously violated consensus of the two sides by illegally crossing the border twice & carrying out provocative attacks on Chinese soldiers, resulting in serious physical clashes, China's Global Times quotes their Foreign Minister
— ANI (@ANI) June 16, 2020
चीन के सैनिकों के भी मारे जाने की खबर
मिली जानकारी के अनुसार ये बात भी सामने आ रही है कि जवाबी कार्रवाई में चीन के सैनिक भी मारे गए हैं.
Army amends statement, says "casualties suffered on both sides" in "violent face-off" during de-escalation process with China in Galwan Valley, Ladakh. pic.twitter.com/rZAg83hr3Q
— ANI (@ANI) June 16, 2020
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की. पूर्वी लद्दाख के हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की गई.
Defence Minister Rajnath Singh held a meeting with Chief of Defence Staff General Bipin Rawat, the three service chiefs and External Affairs Minister Dr S Jaishankar. Recent developments in Eastern Ladakh were discussed. pic.twitter.com/0HiE9jBdDj
— ANI (@ANI) June 16, 2020
1962 वाली गुस्ताखी दोबारा
सीमा पर चालबाज चीन की एक करतूत सामने आई है. जानकारी के मुताबिक चीन ने सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया. जिसमें भारत के तीन शूरवीर शहीद हो गए. लेकिन चीन की ये करतूत 1962 की याद दिलाती है. जब भारतीय सेना के जवान सीमा पर शांति पूर्वक अपना काम कर रहे थे. लेकिन उस वक्त भी चीन की गिरी हुई हरकत के चलते युद्ध जैसी नौबत आ गई थी.
यहां चीन को शायद गलतफहमी हो गई है कि वो हर बार भारतीय जवानों पर यूं ही हमला करता रहेगा और नौबत 1962 के युद्ध जैसी आ जाएगी. लेकिन चीन को 1967 वाले युद्ध का अंजाम याद दिलाना जरूरी हो गया है. क्योंकि उसकी आदत दिन-ब-दिन बिगड़ती ही जा रही है. जिस तरह से 1967 में भारत ने चीन को उसकी औकात दिखाई थी. वैसे ही हालात दोबारा बनने दिखाई दे रहे हैं.
चीन को ये अंदाजा भी नहीं है कि ये नया हिंदुस्तान है. ये घर में घुसकर मारता है. और चीन तो बार-बार भारत के घर में घुसने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में चीन की इस हरकत से युद्ध जैसे हालात बनते दिखाई देने लगे हैं. तो क्या इसे चीन और भारत के बीच साल 2020 के युद्ध का आगाज समझा जाए?
आपको बता दें, काफी दिनों से बातचीत हो रही थी, जिसमें चीन के सैनिक गलवान घाटी से पीछे जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे. ऐसे में भारतीय सैनिक बीती रात चीन के सैनिकों को पीछे धकेल रहे थे. ऐसे में झड़प इतनी बढ़ गई कि वो खूनी हो गई. जिसमें भारत के तीन जवान शहीद हो गए हैं और चीनी सैनिक भी मारे गए.
तनाव सुलझाने को मिलिट्री लेवल पर बातचीत
जानकारी के अनुसार लगातार बैठक का दौर जारी है, दोनों मेजर जनरल के बीच वार्तालाप हो रही है, गलवान घाटी में घुसपैठ को खत्म करने के लिए मिलिट्री लेवल के साथ कई स्तर पर बातचीत चल रही है. आपको बता दें, यहां चीन की मौजूदगी दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड के लिए खतरा है. यह रोड जवानों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए काफी ज्यादा अहम मानी जाती है.
पैंगोंग झील का मसला दोनों ही देशों के लिए काफी उलझाने वाला है. यहीं पर तकरीबन 50 किलोमीटर से अधिक जमीन पर जीन ने कब्जा कर रखा है. ये जमीन फिंगर 8 से 4 के बीच है. चीन ने फिंगर 4 के पास अपना अड्डा जमा रखा है. कैंप लगाकर वो बार-बार भारत को घुड़की देता है. आपको बता दें, फिंगर 8 तक की जमीन भारत की है, लेकिन चीन बार-बार ये कहता है कि फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा है.
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