2000 तीर्थों की मिट्टी और 100 तीर्थों के जल से और बढ़ जाएगी अयोध्या नगरी की पवित्रता

भूमि पूजन कार्यक्रम में सभी तीर्थों का जल और मिट्टी शामिल की गई है. इसके लिए देश के लगभग 2000 पावन तीर्थस्थलों की पवित्र मिट्टी और लगभग 100 पवित्र नदियों का पावन जल श्रीरामभक्तों द्वारा भूमि पूजन के निमित्त भेजा गया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 4, 2020, 06:24 PM IST
    • सिखों के धर्मस्थल स्वर्ण मंदिर के कुंड का जल व मिट्टी भी राम मंदिर के भूमि पूजन में प्रयोग होगी
    • सभी ज्योतिर्लिंगों के प्रांगण की मिट्टी, कैलाश मानसरोवर से जल और मिट्टी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए लाई गई है
2000 तीर्थों की मिट्टी और 100 तीर्थों के जल से और बढ़ जाएगी अयोध्या नगरी की पवित्रता

अयोध्याः श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर सभी तीर्थों की पवित्रता का पुण्य प्रदान करेगा. यहां दर्शन करने और इस मंदिर प्रांगण की मिट्टी का तिलक कैलाश से लेकर गंगा सागर तक के पुण्यों का फल प्रदान करेंगे. वेदों-पुराणों में वैसे भी अयोध्या नगरी को सप्त पुरियों में सबसे श्रेष्ठ और सर्वोत्तम बताया गया है. 

इसके लिए कहा गया है.
अयोध्या मथुरा माया, काशी, कांची अवंतिका, 
पुरी द्वारावती चैव, सप्तैता मोक्षदायिका.

यानी, अयोध्या मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांचीपुरम, अवंतिका (उज्जैन), जगन्नाथ पुरी और द्वारिकापुरी. यह सातों नगरियां मोक्षप्रदान करने वाली हैं. 

2000 पवित्र स्थलों की मिट्टी पहुंची
इसी पौराणिक महत्ता को और अधिक पुष्ट करने के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में सभी तीर्थों का जल और मिट्टी शामिल की गई है. इसके लिए देश के लगभग 2000 पावन तीर्थस्थलों की पवित्र मिट्टी और लगभग 100 पवित्र नदियों का पावन जल श्रीरामभक्तों द्वारा भूमि पूजन के निमित्त भेजा गया है.

इनमें गंगासागर, द्वारका, रामेश्वरम, श्रीलंका के समुद्र से जल और मिट्टी श्रीरामभक्तों ने भेजी है.

100 से अधिक नदियों का जल पहुंचा
100 से अधिक नदियों का जल, जिनमें गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, सिंधु, ब्रह्मपुत्र, झेलम, सतलुज, रावी, व्यास का जल शामिल है अयोध्या पहुंचा है. सिखों के धर्मस्थल स्वर्ण मंदिर के कुंड का जल व मिट्टी भी राम मंदिर के भूमि पूजन में प्रयोग होगी. 

सभी ज्योतिर्लिंगों के प्रांगण की मिट्टी, कैलाश मानसरोवर से जल और मिट्टी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए लाई गई है. 

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श्रृंगेरी मठ से आया नवरत्न जड़ित कमल 
इसके अलावा भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए कई पवित्र वस्तुएं आई हैं. कांची शकराचार्य अष्टधातु का 9 रत्न जटित कमल भेज रहे हैं. इसके साथ ही वह बकुल का फूल भी भेज रहे हैं, जिसकी पूजा की जाएगी. श्रंगेरी मठ से नवरत्न जड़ित कमल आया है.

इसके साथ ही शंकराचार्य जी ने सभी संतों के लिए चांदी का सिक्का भेजा है. श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन के लिए अपने घरों से गाय का घी भेजा है.

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आर्थिक सहायता भी कर रहे श्रद्धालु
इसके अलावा श्रद्धालु, संस्थाएं और राजनीतिक शख्सियत आर्थिक दान भी कर रहे हैं. पटना से कुणाल किशोर ने दो करोड़ रुपये भेजे हैं. महाराष्ट्र से शिवसेना के नाम से एक करोड़ रुपये आए हैं. कई धर्मगुरुओं व प्रसिद्ध कथावाचकों ने भी आर्थिक रूप से अपनी श्रद्धा भेंट की है.

कई लोगों ने एक लाख से पांच लाख रुपये तक ट्रांसफर किए हैं. 

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