"सियावर राम चंद्र की जय, जय सिया राम" अब टाट में नहीं, ठाठ में राम! PM मोदी का संबोधन

देश के प्रधामनमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के शुभ अवसर पर हुए जय श्रीराम के उद्घोष के साथ देशवासियों को संबोधित किया..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 5, 2020, 02:19 PM IST
    • जहां श्रीराम का जन्म, वहां भूमि पूजन संपन्न
    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया राम भूमि पूजन
    • राम भूमि पूजन संपन्न, अब मंदिर निर्माण शुरू
    • प्रधानमंत्री मोदी ने देश को किया संबोधित
"सियावर राम चंद्र की जय, जय सिया राम" अब टाट में नहीं, ठाठ में राम! PM मोदी का संबोधन

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 साल पहले किया संकल्प पूरा करने के लिए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया उन्होंने हनुमानगढ़ी में पूजा की, हनुमान जी की आरती की, आरती में दक्षिणा दी, मंदिर की परिक्रमा की और पीएम मोदी का मुकुट सम्मान हुआ. अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद संबोधन किया.

अयोध्या में रामभक्त PM मोदी का संबोधन

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जयघोष के साथ की और कहा, "सियावर राम चंद्र की जय, जय सिया राम..

आज ये जयघोष सिर्फ सियाराम की नगरी में ही नहीं सुनाई दे रहा, बल्कि इसकी गूंज पूरे विश्वभर में हैं. सभी देशवासियों को और विश्वभर में फैले करोड़ों भारत भक्तों और राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई."

उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया और इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया.  आना बड़ा स्वाभाविक भी था. भारत आज भगवान राम के नेतृत्व में सरयू किनारे एक स्वर्णिम इतिहास रच रहा है. आज पूरा भारत राममय है. पूरा देश रोमांचित है, हम मन दीपमय है. आज पूरा भारत भावुक है, सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है. करोड़ों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीतेजी इस पावन पर्व को देख पा रहे है.

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि "वर्षों से टेंट में बसे हमारे रामलला के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. सदियों बाद ये राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है."

उन्होंने बोला कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई पीढ़ियों ने अपना सबकुछ समर्पित कर दिया. कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन ना चला हो. 15 अगस्त का दिन लाखों बलिदानों का प्रतीक है. ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई कई सदियों तक कई कई पीढ़ियों ने अखंड एक निष्ठ प्रयास किया. आज का दिन उसी तप त्याग और संकल्प का प्रतीक है. राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, कर्पण भी था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "जिनके तप और त्याग से आज ये सपना साकार हो रहा है मैं उस सभी लोगों को 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से सिर झुकाकर नमन करता हूं, उनको नमन करता हूं. जो जहां है वो इस पल को देख रहा है, वो भाव विभोर है."

"साथियों राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल गए हैं. कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम को ही याद करते हैं."

"भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए.. इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं. श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं"

"हनुमान जी के आशीर्वाद से श्रीराम जी के मंदिर का भूमि पूजन शुरू हुआ है. श्रीराम जी का मंदिर आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा. ये मंदिर करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्तियों का भी प्रतीक बनेगा."

"इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र बदल जाएगा. इस क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे. पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी."

राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोड़ने का उपक्रम है.

ये महोत्सव है-

विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का।

नर को नारायण से जोड़ने का।

लोक को आस्था से जोड़ने का।

वर्तमान को अतीत से जोड़ने का।

और स्वं को संस्कार से जोड़ने का।

"आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है. आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है."

"आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है. श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है. ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था."

"देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं. वाकई ये न भूतो न भविष्यति है."

"श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है. श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना. इसलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं."

"श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन का आधार बनाया था. उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया. यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया."

"श्रीराम का अद्भुत व्यक्तित्व, उनकी वीरता, उनकी उदारता, उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता, उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता, उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे."

"जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों. भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों. भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं. भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं."

"तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं. भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है. राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है."

"आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा प्रचलित है. मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी. आखिर राम सबके हैं, सब में हैं."

"मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा. यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा."

अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी ने करोड़ों रामभक्तों को तोहफा दिया. आज पूरा देश सबसे बड़े सांस्कृतिक उत्सव के साक्षी बना, 500 वर्षों की प्रतीक्षा का परिणाम श्रीराम मंदिर का भव्य निर्माण है. जिसे लेकर हर तरफ खुशा का माहौल है.

भव्य राम मंदिर निर्माण की शुरुआत

आज भारत के 'कीर्ति स्तंभ' की स्थापना का महापर्व है, आज श्रीराम के आदर्शों की 'प्राण प्रतिष्ठा' का महापर्व है, आज भारत में राम राज्य की स्थापना का महापर्व है, आज नये भारत के सांस्कृतिक उदय का महापर्व है, आज सर्वधर्म समभाव की 'तीर्थ स्थापना' का महापर्व है, आज भारत की 'आध्यात्म क्रांति' का महापर्व है.

राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अलौकिक आयोजन किया गया. राम मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश और दुनिया में हर्षोल्लास का माहौल है.

मोदी साक्षी हैं       जन्मभूमि के प्रमाण से परिणाम तक

मोदी साक्षी हैं       1990 में राम प्रतिज्ञा से भूमि पूजन तक

मोदी साक्षी हैं       मंदिर आंदोलन के सारथी से देश के सारथी तक

मोदी साक्षी हैं       आंदोलन के 'एकता सूत्र' से देश के सूत्रधार बनने तक

मोदी साक्षी हैं       संघ प्रचारक से देश के प्रधानमंत्री बनने तक

मोदी साक्षी हैं       श्रीराम ध्वजा उठाने से लेकर भगवा फहराने तक

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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर पूरे देश को संबोधित किया. उन्होंने भूमि पूजन के बाद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने इस मौके पर शिलापट्ट का अनावरण भी किया.

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