नई दिल्ली. ये समाचार भारत का है. भारत में झारखंड राज्य के शिक्षा मंत्री ने अपने उदाहरण से दुनिया को शिक्षा दी है कि जिस विभाग के मुखिया हों आप - उस विभाग की आधिकारिक योग्यता आपके पास अवश्य होनी चाहिए और तभी आप अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन उचित ढंग से कर सकेंगे.
शिक्षा मंत्री महतो यही मानते हैं
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो यही मानते हैं . और सिर्फ मानते ही नहीं, अपने इस मानने का अपने व्यवहार में अनुकरण करके भी दिखाया है मंत्री महतो ने. लोग उनके बारे में कहा करते थे कि जो मंत्री खुद अशिक्षित है, वह शिक्षामंत्री बन कर क्या कर पायेगा. उन्होंने बाकायदा शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल में एडमिशन लिया है.
दसवीं पास हैं महतो
झारखंड लेजिस्लेटिव असेम्बली में शिक्षा मंत्री महतो के विरोधी उनके अल्पशिक्षित होने को लेकर उनका विरोध करते थे क्योंकि महतो दसवीं कक्षा पास हैं. लेकिन महतो ने अपनी आलोचना का बुरा नहीं माना और इसे अपनी भावी योग्यता की प्रेरणा बना लिया. उन्होंने पढ़ने की ठान ली और ले लिया इंटरमीडिएट में एडमिशन.
पच्चीस साल बाद फिर शुरू की है पढ़ाई
तिरपन वर्षीय रांची निवासी जगरनाथ महतो ने पच्चीस साल पहले दसवीं कक्षा पास की थी. लेकिन अब शिक्षा का दीपक उन्होंने अपने जीवन में फिर जला लिया है और इस तरह हज़ारों लाखों लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की प्रेरणा प्रदान की है. उन्होंने बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी महतो स्मारक इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट आर्ट्स में दाखिला लिया है. अपने इस कोर्स में एक विषय के तौर पर उन्होंने राजनीति विज्ञान भी ले लिया है.
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