नई दिल्ली: पूर्वांचल का प्रसिद्ध त्योहार तीज की तैयारियां शुरु हो गई हैं. शुक्रवार यानी 21 अगस्त 2020 को यह त्योहार मनाया जाएगा.
24 घंटे बिना पानी पिए रहने का संकल्प
यह व्रत निर्जला होता है. यानी व्रत के दौरान पूरे 24 घंटे तक पानी तक नहीं पिया जाता है. इस व्रत के अधिष्ठाता देव भगवान शिव और माता पार्वती हैं. जिनकी शुभ मुहुर्त में पुजा की जाती है.
वैसे तो यह व्रत अखंड सौभाग्य यानी पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है. लेकिन कई स्थानों पर यह व्रत कुमारी कन्याएं भी करती हैं. जिससे कि उन्हें अच्छा पति प्राप्त हो सके.
तीज का पूजा मुहुर्त
शुक्रवार यानी 21 अगस्त को सुबह की पूजा का मुहुर्त 5.54 बजे से 8.30 तक है.
शाम को पूजा मुहूर्त 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक है.
तृतीया तिथि का प्रारंभ 21 अगस्त की रात रात 2 बजकर 13 मिनट से हो जाएगा.
जबकि तृतीया तिथि की समाप्ति 22 अगस्त रात 0 1 बजकर 59 मिनट तक होगी. इसी बीच में व्रत रखा जाएगा.
सबसे पहले पार्वती ने किया था शिव के लिए व्रत
हरतालिका व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए किया था. उन्होंने सखियों के साथ घने जंगल में बालू का शिवलिंग बनाकर व्रत और पूजन किया था. जिसके परिणाम स्वरुप उन्हें स्वयं भगवान पति के रुप में प्राप्त हुए थे. उस दिन भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष के तीज की तिथि थी और हस्त नक्षत्र था.
इस व्रत के लिए सखियां माता पार्वती का हरण करके उन्हें जंगल में ले गई थीं. जिसकी वजह से इस व्रत का नाम हरतालिका पड़ा.
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