OMG News: क्या आपने कभी उड़ने वाले सांपों को देखा है? इन सांपों से आपका वास्ता न भी पड़ा हो तो आपने यूट्यूब पर, डिस्कवरी चैनल में या फिर फिल्मों में उड़ने वाले सांपों को देखा होगा. लेकिन आज हम आपको उड़ने वाले सांप के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे 'तक्षक' नाग भी कहा जाता है.
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900 Years snake found in Bihar: क्या आपने कभी उड़ने वाले सांप को देखा है? इन सांपों से आपका वास्ता न पड़ा हो तो शायद यूट्यूब में या डिस्कवरी चैनल में या फिर फिल्मों में उड़ने वाले सांपों को देखा होगा. लेकिन आज हम आपको उड़ने वाले सांप के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे 'तक्षक' नाग भी कहा जाता है. दरअसल ये दुर्लभ सांप बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास एक घर में पहुंच गया. उड़ने वाला सांप देखकर लोगों के होश उड़ गए. जिसके घर साक्षात नागराज 'तक्षक' के रूप में पधारे हों उन्हें देखने के वो थोड़ा डरे तो लेकिन उन्होंने हौसला नहीं खोया. फौरन इसकी सूचना वन विभाग को दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने उस नाग का रेस्क्यू किया.
उड़ने वाले नाग ने कर दिया हैरान-परेशान ! 'तक्षक' ने पुख्ता कर दिये कलयुग के प्रमाण?
माना जा रहा है कि ये सांप करीब 900 साल पुराना है. तक्षक नाग के बारे में आपने महाभारत या फिर श्रीमद्भागवत कथाओं में सुना होगा. लेकिन जब वैसा ही महाभारत कालीन नाग 'तक्षक' जब कलियुग में बिहार में दिखा तो लोगों के मन में बहुत कुछ कौंध गया होगा. पेड़ की डालियों से लिपटे तक्षक नाग दुर्लभ सापों की वो प्रजाति जो जंगल में यदा कदा ही दिखती है. इंडो नेपाल बॉर्डर पर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकलकर ये तक्षक नाग रिहायशी इलाके में पहुंच गया. नागराज टंकी बाजार स्थित संजय पटेल के घर के दरवाजे की कुंडी से लिपटे हुए मिले.
तक्षक को जैसे ही रेस्क्यू कर के जंगलों में छोडा गया तो वो पेड़ों की टहनियों पर जा बैठा. तक्षक सांपों की यही खासियत है कि ये पेड़ की एक टहनी से दूसरी टहनी पर उड़कर पहुंच जाते हैं. वन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि रिसर्च के मुताबिक तक्षक नाग को उड़ने वाला सांप भी कहा जाता है.
तक्षक के बारे में जानिए
ये उड़ने वाले सांपों में सबसे छोटी प्रजाति है. इसकी लंबाई करीब 3 फीट तक होती है. काले रंग के इस सांप पर हरी धारियां होती हैं. ये सांप पेड़ की एक शाखा से दूसरे शाखा तक उड़ते हैं और कई बार उड़ कर जमीन और दीवारों पर भी आ जाते हैं. उड़ने वाले सांप उड़ने के लिए खास तरीके से हिलते हुए हवा में तैरते हैं और हवा में अंग्रेजी भाषा के अक्षर ‘S’ का आकार बनाते हैं. इन सांपो के शरीर का पीछे का हिस्सा एक तरह के ऊपर नीचे होने वाली मुड़ने की गतिविधि करता है. शरीर को फेंकने की यही गतिविधि उसे उड़ने वाला सांप बना देती है. इसी कारण उन्हें ग्लाइडिंग स्नेक भी कहा जाता है.
भगवान शिव से क्या है तक्षक का रिश्ता- तक्षक नाग की पौराणिक मान्यताएं
तक्षक नाग की भारत में पौराणिक मान्यता भी है. इसका जिक्र महाभारत काल में मिलता है. तक्षक का जिक्र महाभारत ग्रंथ में है. तक्षक को भगवान शिव के गले में रहने वाले नागराज वासुकी का छोटा भाई माना जाता है. महाभारत-काल में जब पांडवों के पौत्र परीक्षित राज कर रहे थे तो तक्षक ने ही उनको डसा था. जिससे उनकी मौत हो गई थी.
तक्षक सांप आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व इस प्रजाति का मिलना पर्यावरण के लिए सकारात्मक संकेत है. इस दुर्लभ वन्य जीव को देखकर टाइगर रिजर्व के अधिकारी भी काफी उत्साहित हैं क्योंकि आखिरी बार इन्हें एक साल पहले देखा गया था. एक बार फिर इन्हें स्पॉट करने के बाद इन्हें अपने नैचुरल हैबिटैट में छोड़ दिया गया है. वन विभाग के अधिकारी इनके मूवमेंट को ट्रैक कर रहे हैं.
महाभारत ग्रंथ के अनुसार शेषनाग त्रेतायुग में लक्ष्मण और फिर द्वापर में बलरामजी के रूप में अवतरित हुए थे. इन्हें भगवान विष्णु का परम सेवक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि शेषनाग के हजारों सिर है जिसका कोई अंत नहीं, इसलिए इन्हें अनंत भी कहा जाता है. शेषनाग कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू के सबसे बड़े, पराक्रमी नागराज हैं.
वासुकी नाग - शिव के गले में जो नाग विराजमान हैं उनका नाम वासुकी है. वासुकी शेषनाग के भाई माने जाते हैं. नागलोक में शेषनाग के बाद वासुकी नाग का ही स्थान आता है. आपको बताते चलें कि वासुकी को ही रस्सी बनाकर सुमेरू पर्वत के चारों ओर लपेटकर सागर का मंथन किया.