Yamazaki 55: शरीर तबाह कर देती है शराब, फिर भी 6.5 करोड़ की एक बोतल खरीदने के लिए उमड़े लोग
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Yamazaki 55: शरीर तबाह कर देती है शराब, फिर भी 6.5 करोड़ की एक बोतल खरीदने के लिए उमड़े लोग

Yamazaki 55 Sale: शराब से आज तक किसी का भला नहीं हुआ लेकिन कुछ जगह शराब को अमृत बताकर तारीफ की जा रही है. किसी भी शराब की कीमत आपकी जान से ज्यादा नहीं है. करोड़ों रुपये में शराब की एक बोतल बिकने से या स्वर्ण कलम से उस शराब का गौरवशाली इतिहास लिख देने से वो अमृत नहीं हो जाती. शराब चाहे सस्ती हो या करोड़ों की, अंत में उससे शरीर को नुकसान और मौत के अलावा कुछ नहीं मिलता.

दुनिया की सबसे महंगी शराब की बोतल

Yamazaki 55 latest update: दुनिया की सबसे महंगी व्हिस्की Yamazaki 55 इन दिनों सुर्खियों में है. इस साल इसकी एक बोतल की नीलामी करीब 6.5 करोड़ रुपये में हुई. आखिरकार शराब की एक बोतल उसकी इतनी दीवानगी की ये बोतल किसे मिलेगी इसका फैसला नीलामी के जरिए हुआ तो जरूर इसमें कुछ खास बात तो जरूर होगी. रेट के अलावा शराब की इस एक बोतल के इतना महंगा होने को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं. जिनका जवाब आइए आपको देते हैं. 

बॉटल का बेस प्राइस 50 लाख रुपये

फोर्ब्स मैगजीन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस व्हिस्की की रिटेल बेस प्राइस 60000 डॉलर यानी करीब 49 लाख रुपये के करीब आंकी जाती है. इसे बनाने वाली कंपनी बीम संटोरी (Beam Suntory) है. यह बोतल 6.5 करोड़ रुपये तक कैसे पहुंची इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं. करोड़ों में इसकी कीमत होने के बावजूद शराब के शौकीन इसका टेस्ट चखने के लिए बेताब और बेकरार रहते हैं. नीलामी में बिकने वाली व्हिस्की की इस बोटल को हाल ही में तुर्की में देखा गया था. दुनिया के सबसे महंगे आर्टवर्क, ज्वैलरी और तमाम लग्जरी आइटम्स की नीलामी करने वाली कंपनी सूदबाईज़ (Sotheby’s) की वेबसाइट के मुताबिक इस साल ये बोतल सबसे ज्यादा यानी रिकॉर्ड कीमत में बिकी है.

कैसे बनती है यामाज़ाकी 55?

यूं तो शराब पीने के इतने नुकसान है फिर इसके शौकीनों की कमी नहीं है. यहां दुनिया की इस सबसे महंगी व्हिस्की की एक बोतल के तैयार होने की बात करें तो आपको बताते चलें कि इस व्हिस्की को तैयार करने के लिए उसे बरसों तक पीपों (Cask) में स्टोर करके रखा जाता है इस प्रक्रिया को एजिंग (ageing) कहते हैं. इस अनोखी व्हिस्की में मौजूद फ्लेवर, कलर और टेक्स्चर के लिए यही कास्क अपनी अहम भूमिका निभाता है.

टेस्ट देने के लिए चाहिए 200 साल पुरानी लकड़ी

यामाज़ाकी-55 को जिस खास तरह के पीपे (Cask) में स्टोर किया जाता है, उसे मिज़ुनारा कास्क (Mizunara Casks) कहते हैं. जिसे मिज़ुनारा पेड़ की लकड़ी से बनाया जाता है. यह लकड़ी बहुत ही दुर्लभ है. शराब के बड़े-बड़े कारोबारी बताते हैं कि मिज़ुनारा कास्क को बनाने के लिए यह जरूरी है कि पेड़ कम से कम 200 साल पुराना हो. मिज़ुनारा की लकड़ी इतनी खास है कि इसमें बरसों तक शराब को रखने के बाद उसका फ्लेवर आम अमेरिकन या यूरोपियन लकड़ी से तैयार पीपों में रखी शराब से एकदम अलग होता है. 

लिमिटेड मात्रा में होता है प्रोडक्शन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हिस्की का ये ब्रैंड पहली बार 2020 में लॉन्च हुआ. तब इसकी सिर्फ 100 बॉटल्स लॉटरी सिस्टम के जरिए जापानी वाइन मार्केट पहुंची थीं. वहीं बाकी दुनिया में मौजूद लोगों के लिए अगले साल 2021 में इसकी 100 बोतलें और तैयार हुईं. अब चूंकि इसे कुछ चुनिंदा, सिंगल और महंगे मॉल्ट्स से तैयार किया गया है, वहीं इसके अलावा लिमिटेड प्रोडक्शन की वजह से भी इसकी कीमत हमेशा आसमान को छूती रहती है.

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