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Donkeys On Sale: मरही यात्रा (Marhi Yatra) की शुरुआत महाराष्ट्र के पाथरडी तालुका से हुई. हजारों नाथ भक्त उस समाधि पर एकत्र हुए जहां पूजा करने के बाद कनिफनाथ का अंतिम संस्कार किया जाता है. रंग पंचमी भक्तों के लिए बहुत ही शुभ दिन माना जाता है. सुबह से ही नाथ की समाधि पर उनकी एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ता हैं. कोरोना महामारी के बाद यह पहली यात्रा है और यही कारण है कि यहां भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े हैं. भक्त आम के बगीचे और मंदिर के पास कनीफनाथ के लिए प्रसाद तैयार करते हैं. यहां यात्रा के दौरान गधे (Donkeys Selling) और अन्य जानवरों को बेचने के लिए लाया जाता है.
कमी की वजह से बढ़ गई गधे की डिमांड
चूंकि गधों की संख्या (Donkeys selling on 1 Lakh) समय के साथ तेजी से घट रही है, इसलिए उनकी बहुत डिमांड है और यही कारण है कि उनकी कीमत अधिक है. इस मेले में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात से व्यापारी भाग लेने आते हैं और शाहद बाजार के लिए तेलंगाना से भी कई व्यापारी आते हैं. इस साल काठेवाड़ी गधों की कमी है और इनकी मांग अधिक है. उनकी आबादी की तेजी से गिरती संख्या ने उनकी मांग में वृद्धि की है.
मरही यात्रा पहुंचने से पहले ही खरीद लिए गए
पाथरडी तालुका की मरही यात्रा में, यहां मौजूद प्रत्येक तीन गधे में से एक पंजाबी संकर गधा है. और उनकी कीमत ₹100,000 या उससे भी अधिक लगाई जा रही है. कई लोग इस गधे को खरीदने के लिए बेताब पाए गए. इसलिए जिनके पास काठेवाड़ी है, वह लगभग 130 जानवर मरही यात्रा तक पहुंचने से पहले ही खरीदे जा चुके थे. वह व्यापारी जो 300 पशु लेकर आया था, जब तक वह यात्रा पर पहुंचा, उसके पास केवल 130 पशु ही बचे थे. गधे की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.
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