Artificial Intelligence: आज यानी 1 जनवरी 2025 से Generation Beta की शुरुआत हो चुकी है. इसका मतलब है कि Gen Alpha (A) अब सीनियर और Gen Z सुपर सीनियर कहलाएंगे. यह पीढ़ी तकनीकी क्रांति के केंद्र में रहेगी. मजाकिया अंदाज में कहें तो "बेटा होगा बीटा" या "बीटा की होगी बेटी."
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Generation Beta: अभी तक हम Gen Z और Gen Alpha के बीच का फर्क समझने में ही लगे थे कि अब एक नई पीढ़ी ने दस्तक दे दी है. इस नई जेनरेशन का नाम है ‘जेनरेशन बीटा’ एक जनवरी 2025 से पैदा होने वाले बच्चों को इसी नाम से पहचाना जाएगा. हर जेनरेशन का नाम और पहचान उसकी खासियतों और समय की परिस्थितियों के आधार पर तय होती है. अब देखना होगा कि जेनरेशन बीटा का भविष्य कैसा होगा.
आज यानी 1 जनवरी 2025 से जन्म लेने वाले बच्चों को "Generation Beta" कहा जा रहा है. इस नई पीढ़ी को "AI Generation" भी कहा जा रहा है क्योंकि इनका जीवन पूरी तरह से तकनीकी विकास और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ जुड़ा होगा. Generation Beta का नामकरण उस समय की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक घटनाओं के आधार पर किया गया है. यह पीढ़ी 2025 से 2039 तक जन्म लेने वाले बच्चों को शामिल करेगी. इस पीढ़ी का बचपन और किशोरावस्था एक ऐसी दुनिया में बीतेगी, जहां AI और नई तकनीक का गहरा प्रभाव होगा. AI Generation कहे जाने का कारण यह है कि इन बच्चों का जीवन AI, ऑटोमेशन, और अन्य डिजिटल नवाचारों के साथ गहराई से जुड़ा होगा. ये बच्चे नई तकनीकों का उपयोग करके भविष्य को आकार देंगे और उनके जीवन में तकनीकी विकास का प्रमुख स्थान होगा.
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आइए जानते हैं Generation का नाम और उनके पीछे छिपी रोजक कहानी
The Greatest Generation: यह पीढ़ी 1901 से 1927 के बीच जन्मी थी और इसे "द ग्रेटेस्ट जनरेशन" के नाम से जाना जाता है. इस पीढ़ी ने ग्रेट डिप्रेशन और द्वितीय विश्व युद्ध जैसी बड़ी घटनाओं का सामना किया. इस दौर में पैदा हुए बच्चे ज्यादातर सैनिक बने और युद्ध में अपने देश की सेवा की. इनके लिए परिवार का पालन-पोषण करना और कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों को निभाना सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता था.
The Silent Generation: 1928 से 1945 के बीच पैदा होने वाली पीढ़ी को "साइलेंट जेनरेशन" कहा गया. यह पीढ़ी कठिन समय में पली-बढ़ी, जिसमें ग्रेट डिप्रेशन और द्वितीय विश्व युद्ध जैसे बड़े संकट शामिल थे. इन्हें बेहद मेहनती और आत्मनिर्भर माना जाता है. साइलेंट पीढ़ी ने अपने जीवन में स्थिरता और अनुशासन को प्राथमिकता दी और समाज में पारंपरिक मूल्यों को आगे बढ़ाया.
Baby Boomer Generation: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1946 से 1964 के बीच जन्म लेने वाली पीढ़ी को "बेबी बूमर" कहा जाता है. इस समय जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई. इस पीढ़ी ने समाज में कई बदलाव किए और आधुनिकता की नींव रखी.
Generation X: 1965 से 1980 के बीच जन्मी पीढ़ी को "जेनरेशन एक्स" कहा जाता है. यह पीढ़ी बदलते दौर की गवाह बनी और तकनीक के नए-नए प्रयोगों का अनुभव किया.
Millennials या Generation Y: 1981 से 1996 के बीच जन्मी इस पीढ़ी को "मिलेनियल्स" या "जनरेशन वाय" कहा जाता है. यह पीढ़ी तकनीक के साथ तालमेल बिठाने में माहिर रही और समय के साथ खुद को लगातार अपडेट किया.
Generation Z: 1997 से 2009 के बीच पैदा हुई पीढ़ी को "जनरेशन ज़ेड" कहा जाता है। यह पीढ़ी इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ पली-बढ़ी. उन्होंने डिजिटल युग में हुए बड़े बदलावों को देखा और समझा कि स्मार्टफोन और इंटरनेट का उपयोग न सिर्फ मनोरंजन बल्कि कमाई के लिए भी किया जा सकता है.
Generation Alpha: 2010 से 2024 के बीच पैदा हुई पीढ़ी को "जनरेशन अल्फा" कहा जाता है. इस पीढ़ी के जन्म से पहले ही सोशल मीडिया और इंटरनेट की व्यापक उपस्थिति हो चुकी थी. ये बच्चे एक ऐसे डिजिटल युग में बड़े हो रहे हैं, जहां तकनीक उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है. उनका हर कदम इंटरनेट और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है, जिससे वे नए-नए डिजिटल बदलावों को आसानी से अपना रहे हैं.
नए युग की शुरुआत
Generation Beta: के बारे में बात करें तो यह पूरी तरह से डिजिटल और AI के प्रभाव में जीने वाली पीढ़ी होगी. 2025 से लेकर 2039 तक जन्मे बच्चे टेक्नोलॉजी के लिए नए पैमाने स्थापित करेंगे, और उनके जीवन में AI, ऑटोमेशन, और अन्य डिजिटल नवाचारों का प्रमुख स्थान होगा. वहीं, साल 2039 तक दुनिया की आबादी का 16% हिस्सा जनरेशन बीटा, Y और Z का होगा, जिनमें से कई लोग 22वीं शताब्दी देखेंगे. यह पीढ़ी नए युग का आगाज करेगी, तकनीक को नया आकार देगी और समाज में बदलाव लाएगी. इसके साथ ही ग्लोबल सिटीजनशिप पर जोर बढ़ेगा. बीटा जनरेशन तकनीक के दौर में पले-बढ़ेंगे और वर्चुअल माहौल को समझने वाली पहली पीढ़ी होगी. हालांकि, इसके बावजूद इस पीढ़ी के सामने कई चुनौतियां होंगी. जेनरेशन रिसर्चर जैसन डॉर्सी के अनुसार, यह पीढ़ी एआई और स्मार्ट डिवाइस के साथ बड़े होंगे और अपनी समस्याओं को हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर निर्भर करेंगे.
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तकनीकी विकास में क्रांतिकारी बदलाव: जनरेशन बीटा की प्रमुख भूमिका
साल 2039 तक दुनिया की आबादी का 16% हिस्सा जनरेशन बीटा, Y और Z का होने का अनुमान है, जिनमें से कई लोग 22वीं सदी को देखेंगे. ये पीढ़ी नए युग का सवेरा देखेगी और तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. जनरेशन बीटा, जो तकनीकी विकास के दौर में पले-बढ़ेगी, वर्चुअल माहौल को समझने वाली पहली पीढ़ी होगी. ये एआई और स्मार्ट डिवाइस के साथ बड़े होंगे और अपनी समस्याओं को हल करने के लिए इनका इस्तेमाल करेंगे.
हालांकि, इस पीढ़ी को जलवायु परिवर्तन जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा. इसके अलावा, शहरीकरण में तेजी आएगी और जनसंख्या में बड़ा बदलाव होगा. इस पीढ़ी का नजरिया दुनिया को देखने का अलग होगा. वे कम्युनिटी पर ज्यादा ध्यान देंगे, भेदभाव से दूर रहकर मिलकर रहना पसंद करेंगे और चुनौतियों का सामना करने के लिए तकनीक का उपयोग करेंगे.
डॉर्सी के अनुसार, जनरेशन बीटा को जलवायु परिवर्तन से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. यह पीढ़ी इन समस्याओं से जूझेगी, जबकि जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण में तेज़ी से बदलाव आएगा. हालांकि, इस पीढ़ी के दौर में कुछ सकारात्मक बदलाव भी आएंगे. उनका नजरिया दुनिया को लेकर अलग होगा, और वे समुदाय पर अधिक ध्यान देंगे. भेदभाव से दूर रहकर एकजुट होकर काम करना पसंद करेंगे. तकनीक इनके लिए एक अहम हथियार होगी, जिसका इस्तेमाल वे चुनौतियों से निपटने के लिए करेंगे, और इससे अपनी समस्याओं का समाधान खोजेंगे.