Knowledge News: मसालों की तरह खाई जाती है यहां की मिट्टी, जानें आखिर क्या है इसके पीछे की वजह
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Knowledge News: मसालों की तरह खाई जाती है यहां की मिट्टी, जानें आखिर क्या है इसके पीछे की वजह

दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां कि मिट्टी (Soil) इतनी स्‍वादिष्‍ट और आयरन-खनिजों से भरपूर है कि उसे मसाले (Spices) की तरह खाने में मिलाकर खाया जाता है. वहां जाने वाले पर्यटक भी मिट्टी चखना नहीं भूलते. 

(फोटो: बीबीसी)

Knowledge News: अलग-अलग देशों में उगने वाले मसालों (Spices) की वैरायटी-स्‍वाद भी अलग होता है. यह वहां की मिट्टी, मौसम आदि पर निर्भर करता है. लेकिन क्‍या हो कि लोग किसी जगह की मिट्टी (Soil) को ही मसाला समझकर खाने लगें. जी हां, धरती पर एक जगह ऐसी भी है, जहां की मिट्टी न केवल बेहद स्‍वादिष्‍ट (Teasty Soil) है, बल्कि सेहत के लिए भी इतनी अच्‍छी है कि लोग उसे खाने में मसाले की तरह मिलाकर खाते हैं. यह जगह ईरान में है. 

  1. बेमिसाल है ईरान का होरमूज आइलैंड 
  2. रंग-बिरंगे हैं यहां के खूबसूरत पहाड़ 
  3. पहाड़ों की मिट्टी को खाते हैं मसाले की तरह 

आइलैंड की मिट्टी खाते हैं मसाले की तरह  

यह जगह ईरान का होरमूज आइलैंड (Hormuz Island) है. वैसे तो यह आइलैंड अपने खूबसूरत पहाड़ों के लिहाज से भी खास है लेकिन इससे भी बड़ी खासियत इन पहाड़ों की मिट्टी है. यह मिट्टी इतनी रंग-बिरंगी है कि इस आइलैंड को रैनबो आइलैंड भी कहा जाता है. हालांकि इस आईलैंड के खूबसूरत रंग-बिरंगे पहाड़ों की फोटो वायरल होती रहती हैं लेकिन यह बात कम ही लोग जानते हैं कि इन पहाड़ों की मिट्टी को मसाले की तरह खाया जाता है. यह मिट्टी बहुत स्‍वादिष्‍ट होती है और यहां आने वाले पर्यटक (Tourists) इस मिट्टी को चखते जरूर हैं. हालांकि मिट्टी खाने में लोग पहले तो हिचकिचाते हैं लेकिन गाइड की सलाह पर खाते जरूर हैं. 

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कई तरह के खनिजों से भरपूर है मिट्टी 

पारस की खाड़ी में स्थित खूबसूरत द्वीप की मिट्टी खनिजों से भरपूर है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस मिट्टी में ढेर सारा आयरन और करीब 70 प्रकार के खनिज होते हैं. इसके अलावा इन पहाड़ों पर नमक के टीले भी हैं. साथ ही इन पर शेल, मिट्टी और आयरन वाली मिट्टी की परतें हैं, जिसके कारण ये पहाड़ कई रंगों के दिखाई देते हैं. ब्रिटिश जियोलॉजीकल सर्वे की प्रमुख भूवैज्ञानिक डॉ. कैथरीन गुडइनफ कहती हैं कि करोड़ों साल पहले फारस की खाड़ी और उसके आसपास के उथले सागरों में नमक की मोटी परत बन गई थी. फिर उसके ऊपर नई परतें बनती गईं. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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