MP गजब है! एक्सीडेंट में फ्रैक्चर हुआ पैर तो अस्पताल में डॉक्टर ने 'कागज का गत्ता' लगाकर कर दी पट्टी
Advertisement
trendingNow11388435

MP गजब है! एक्सीडेंट में फ्रैक्चर हुआ पैर तो अस्पताल में डॉक्टर ने 'कागज का गत्ता' लगाकर कर दी पट्टी

Accident In Madhya Pradesh: सड़क हादसे में घायल हुए एक शख्स के पैर में फ्रैक्चर होने पर कच्चा प्लास्टर लगाने के बजाय कागज का गत्ता बांध कर पट्टी कर दी गयी और उसे ज़िला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

 

सांकेतिक तस्वीर

Madhya Pradesh Accident: भिंड अजब है भिंड गजब है! भिंड जिले के रोंन अस्पताल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. एक्सीडेंट में घायल हुए युवक के फैक्चर पैर पर कच्चा प्लास्टर ना चढ़ाते हुए गत्ता बांध दिया. इसके बाद मरीज को भिंड अस्पताल रेफर कर दिया. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का वीडियो अब सामने आया है. भिंड के रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां सड़क हादसे में घायल हुए एक शख्स के पैर में फ्रैक्चर होने पर कच्चा प्लास्टर लगाने के बजाय कागज का गत्ता बांध कर पट्टी कर दी गयी और उसे ज़िला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

एक्सीडेंट में शख्स का पैर हुआ फ्रैक्चर

जानकारी के मुताबिक, जिले के मिहोना थाना क्षेत्र स्थित अतियनपुरा गांव में बाइक सवार पूरन सिंह को अज्ञात चार पहिया वाहन शख्स ने टक्कर मार दी, जिसकी वजह से पूरन और उसके जीजा घायल हो गए. हादसे में पूरन का पैर फ्रैक्चर हो गया. पूरन ने बताया कि हादसे के बाद दोनों को रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसे एक इंजेक्शन लगाने के बाद पैर पर गत्ता लगाकर पट्टी कर दी गई और भिंड जिला अस्पताल रेफर कर दिया. पूरन के जिला अस्पताल पहुंचने पर मीडिया की उस पर नजर पड़ी और फिर वीडियो बनाकर इस बारे में जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी. आनन फानन में जिला अस्पताल प्रबंधन ने घायल पूरन की पट्टी हटवाकर के तुरंत प्लास्टर कराया.

अस्पताल में डॉक्टरों ने गत्ते से किया प्लास्टर

हालांकि, इस संबंध में रौन अस्पताल प्रभारी से सम्पर्क नहीं हो सका. वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल ने फोन पर बताया कि रौन में घायल को पट्टी करने के बाद गत्ता लगाया गया जो टेक्निकली गलत नहीं है, क्योंकि ऐसे मामलों में रेफर किए गए मरीज को वाहन में ले जाते समय पैर को 'स्टेब्लाइज' यानी स्थिर करना होता है, जिसके लिए लकड़ी या किसी भी चीज कि इस्तेमाल सपोर्ट के लिए किया जा सकता है. हालांकि सीएचसी होने की वजह से वहां कच्चा प्लास्टर करना चाहिए था, लेकिन इस परिस्थिति में भी कुछ गलत नहीं किया गया है.

ये पहला मौका नहीं जब इस तरह के हालत बने हैं, कुछ समय पहले मुरैना अस्पताल में भी एक घायल शख्स के सिर पर कंडोम का रैपर लगाकर पट्टी किए जाने की तस्वीरें सामने आयी थी, लगातार लापरवाहियों के बावजूद इस तरह की तस्वीरें स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े कर रही हैं.

रिपोर्ट- प्रदीप शर्मा

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news