Trending Photos
Mukesh Ambani Halwai: अंबानी परिवार की शानदार शादी के समारोहों में सिर्फ चमचमाती सजावट या भव्य जगहें नहीं थीं, बल्कि लजीज कठियावाड़ी व्यंजनों का अंबार भी था, जिसने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. मुकेश अंबानी और नीता अंबानी हर चीज को बारीकी से देखने के लिए जाने जाते हैं. वो अपने बेटे की शादी में परंपरा का एक खास स्पर्श देना चाहते थे. इसी सोच के चलते वो जामनगर के निकुंज वसोया (Nikunj Vasoya) के पास पहुंचे. निकुंज कठियावाड़ी खाने के 21 साल से भी ज्यादा अनुभव वाले एक्सपर्ट हैं. उनकी कहानी किसी अनजान रसोइए से मशहूर बनने तक का सफर, उतना ही स्वादिष्ट है, जितना उनके हाथों का बना खाना.
यह भी पढ़ें: जज साहब, मुझे मौत की सजा दो... कोर्ट में क्रिमिनल ने फैसले से पहले लगाई गुहार, जानें पूरा मसला
मुकेश अंबानी ने गांव से बुलवाया था हलवाई
इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक खास इंटरव्यू में 35 साल के वसोया ने बताया कैसे उनका सफर नए साल के रात्रिभोज के साथ शुरू हुआ जिसने अंबानियों को मंत्रमुग्ध कर दिया. निकुंज वसोया ने कहा, “नीता भाभी खाने से इतनी खुश हुईं कि उन्होंने मुझे वापस आने के लिए कहा. उसके बाद से, मैंने परिवार के लिए 12 से भी ज्यादा बार कठियावाड़ी खाना बनाया है.” अहम पलों में से एक अनंत के वन्यजीव अभयारण्य ‘वांतारा’ में हुई शादी से पहले के कार्यक्रमों के दौरान रहा. 9 और 10 जुलाई को वसोया ने कई तरह के परंपरागत व्यंजन परोसे, जिनमें जामनगरी सेव, ममरा लिली की चटनी, देसी सेव तमेरा की सब्जी और बाजरा रोटला शामिल थे.
यह भी पढ़ें: कहीं आप भी कार के अंदर नहीं रखते ये चीजें? वरना खानी पड़ सकती है जेल की हवा
अनंत-राधिका की शादी में रखा गया था ध्यान
हालांकि कठियावाड़ी खाने में आमतौर पर तीखापन ज्यादा होता है, पर वसोया ने विदेशी मेहमानों को ध्यान में रखते हुए अपने नुस्खों में थोड़ा बदलाव किया ताकि उन्हें हल्का तीखापन पसंद आए. वसोया के खाने उनके पौष्टिक और ताजी सामग्री के लिए पसंद किए जाते हैं, जो गुजरात के तटीय क्षेत्र की समृद्ध कृषि विरासत को दर्शाते हैं. उन्होंने समझाया, "कठियावाड़ी भोजन को इसके प्राकृतिक, जैविक उपज के उपयोग के लिए पसंद किया जाता है, जो दोनों पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है."
अपना खुद का यूट्यूब चैनल पर वसोया चूल्हे या कोयले के चूल्हे का उपयोग करके अपनी पारंपरिक खाना बनाने की विधियों को दिखलाते हैं. उनके लिए इतने बड़े कार्यक्रम में कठियावाड़ी स्वाद लाने का मौका एक अनमोल उपलब्धि है.