700 साल से घोंसले में रहते हैं इस गांव के लोग, खासियत जानकर दंग रह जाएंगे
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700 साल से घोंसले में रहते हैं इस गांव के लोग, खासियत जानकर दंग रह जाएंगे

आप जानकर दंग रह जाएंगे कि एक गांव ऐसा है जहां के लोग पिछले 700 सालों से घर में नहीं बल्कि घोंसले (Nests) में रहते हैं. यह इंसान का घर बिल्कुल चिड़ियों के घोंसलों की तरह दिखता है. ये लोग महज एक दो साल से नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों से ऐसे हीं घरों में रह रहे हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अपना घर और आलिशान घर का सपना हर किसी का होता है. हर कोई चाहता है कि उसके पास ऐसा घर हो जिसमें सारी सुविधाएं हो. खुले वातावरण और बड़े घर का सपना सभी देखते हैं. सभी चाहते हैं कि सुबह सूरज की रोशनी से लेकर रात के चांद की शीतलता उनके घर में दिखे ताकि वे सुकून और सकारत्मकता के साथ रह सके. लेकिन आप जानकर दंग रह जाएंगे कि एक गांव ऐसा है जहां के लोग पिछले 700 सालों से घर में नहीं बल्कि घोंसले में रहते हैं. यह इंसान का घर बिलकुल चिड़ियों के घोंसलों की तरह दिखता है. ये लोग महज एक दो साल से नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों से ऐसे हीं घरों में रह रहे हैं.

  1. सिर्फ देखने ही नहीं रहने में भी खास हैं ये घर 
  2. इस घर में एसी और हीटर की जरूरत नहीं 
  3. मंगोलों के आतंक से बचने के लिए बनाया ऐसा घर 

सिर्फ देखने ही नहीं रहने में भी खास है ये घर
दरअसल, ये जगह ईरान में है. ईरान (Iran) के कंदोवन ( Kandovan) गांव के लोग घोंसलानुमा घरों में रहते हैं. अपने अद्भुत रहन-सहन के लिए और अपनी इस परंपरा के लिए ये गांव दुनियाभर में मशहूर हैं. इस गांव के लोग चिड़ियों की तरह घोंसले जैसा घर बनाकर रहते हैं. इतना हीं नहीं, इस घर की खासियत जानकर आप दंग रह जाएंगे.

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इस घर में AC और हीटर की जरूरत नहीं 
ये घर हर वातावरण के अनुकूल रहता है. यहां ठंड के मौसम में गर्मी और गर्मियों में ठंडी रहती है. ये घर दिखता भले ही अजीबोगरीब हैं लेकिन ये काफी आरामदायक है. 700 साल पुराने इस गांव के लोग न ठंड में हीटर और न ही गर्मी में एसी का इस्तेमाल करते हैं. इस घर को मौसम के अनुकूल बनाया जाता है जिसके कारण यहां ठंड में गर्मी और गर्मी में ठंडक रहता है. 

ऐसा घर क्यों बनाए
आपके मन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि इन लोगों को ऐसे घरों की जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल, बहुत पहले यहां मंगोलों का आतंक था. मंगोलों के हमलों से बचने के लिए यहां के लोगों के पूर्वजों ने ऐसे घर बनाए थे. कंदोवन के वासिंदा यहां मंगोलों के आतंक से आहत होकर आए थे. मंगोलों के हमलों से बचने के लिए वे लोग छिपने के लिए ज्वालामुखी चट्टानों में ठिकाना खोदा करते थे और वहीं उनका स्थायी घर बन जाता था. इस अनोखे घर के कारण ये लोग और इनका गांव दुनियाभर में चर्चा में रहता है. 

 

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