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Uthak Baithak In Indian School: स्कूल में जब भी स्टूडेंट शैतानी करते या फिर क्लास में पढ़ाई नहीं करते हैं तो टीचर उन्हें तरह-तरह के पनिशमेंट देते थे. उन्हीं पनिशमेंट में एक तो सबसे ज्यादा मशहूर है कान पकड़कर उठक-बैठक करना. क्या आपको याद है कि आपको अपने स्कूल के टीचर द्वारा पनिशमेंट किया गया था और उठक-बैठक करने के लिए कहा गया था. आज भी जब इस पनिशमेंट की याद आती है तो लोग अपना-अपना किस्सा सुनाने लगते हैं. हालांकि, अब यह पनिशमेंट लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है और न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी लोग बड़े ही चाव से कर रहे हैं. इतना ही नहीं, डॉक्टर्स भी इस पनिशमेंट को योग के तौर पर करने के लिए सुझाव दे रहे हैं.
'उठक-बैठक' से लोगों को मिल रहा फायदा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखने के बाद आपका भी विचार बदल जाएगा. क्या आप जानते हैं कि 'कान पकड़ के उठक-बैठक करो' को वर्षों से 'सुपर ब्रेन योग' के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. जी हां, यह बिल्कुल सही है. बैठने और खड़े होने के बीच बारी-बारी से विपरीत ईयरलोब को पिंच करने के लिए अपने हाथों का उपयोग करना एक मानसिक स्फूर्तिदायक के रूप में नियोजित किया गया है जो मस्तिष्क की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करता है. यह सूक्ष्म ऊर्जा और कान के एक्यूपंक्चर के सिद्धांतों पर आधारित है.
देखें वीडियो-
वीडियो में लोगों का कुछ ऐसा है मानना
ऐसा कहा जाता है कि वैज्ञानिक रूप से टेस्ट की गई यह प्रैक्टिस मस्तिष्क के बाएं और दाएं गोलार्द्धों को समकालिक होने के लिए उत्तेजित करता है, जिससे मन को आराम मिलता है और पूरे शरीर की दक्षता का अनुकूलन होता है. हालांकि, जी न्यूज इस तरह के किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है. एक अमेरिकी डॉक्टर द्वारा अपने रोगियों के लिए अभ्यास का एक पुराना वीडियो ऑनलाइन फिर से सामने आया है. वीडियो में, डॉ एरिक रॉबिन्स इसे मानसिक ऊर्जा बढ़ाने का एक तेज, सरल, नशीली दवाओं से मुक्त तरीका कहते हैं. वह इसे अपने मरीजों को लिखते और इसके फायदों के बारे में बताते नजर आए.
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