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बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अमेरिका की यात्रा पर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके समकक्ष ऑस्ट्रेलिया के स्कॉट मॉरिसन और जापान के योशीहिदे सुगा शुक्रवार को व्हाइट हाउस (White House) में पहली बार आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit) के लिए अमेरिकी राजधानी में एकत्र हुए हैं. PM मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात पर दुनिया की निगाह है, वहीं इससे तिलमिला गया है.
चीन ने वॉशिंगटन में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के बीच क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit) से पहले शुक्रवार को ग्रुप की आलोचना की और कहा कि इस ‘विशिष्ट बंद समूह’ का गठन समय की प्रवृत्ति के खिलाफ है और इसे 'कोई समर्थन नहीं' मिलेगा. क्वाड देशों के नेताओं की आमने-सामने होने वाली यह पहली बैठक है. क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर चीन की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चारों देशों के समूह को किसी तीसरे देश और उसके हितों को निशाना नहीं बनाना चाहिए.
झाओ लिजियान ने कहा, ‘चीन हमेशा मानता है कि किसी भी क्षेत्रीय सहयोग तंत्र को किसी तीसरे पक्ष को टारगेट नहीं करना चाहिए या उसके हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. किसी तीसरे देश के खिलाफ विशिष्ट बंद समूह का गठन मौजूदा समय की प्रवृत्ति और क्षेत्र के देशों की आकांक्षा के खिलाफ है. इसे कोई समर्थन नहीं मिलेगा.'
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दक्षिण चीन सागर में चीनी दावों का बचाव करते हुए प्रवक्ता ने कहा, 'चीन विश्व शांति का निर्माता, वैश्विक विकास में योगदानकर्ता और विश्व व्यवस्था को कायम रखने वाला है.’ उन्होंने कहा, ‘चीन के विकास का मतलब है- दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए विकास और इसलिए सभी को एशिया प्रशांत में शांति, स्थिरता और विकास में चीन का योगदान देखना है... प्रासंगिक देशों को और अधिक ऐसे कार्य करने चाहिए जो इस क्षेत्र के चार देशों के साथ एकजुटता और सहयोग के लिहाज से अनुकूल हो.'
(INPUT: भाषा)
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