अमेरिकी प्रतिबंध पर भड़के रूस और चीन, कहा-आग से खेल रहा है अमेरिका
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अमेरिकी प्रतिबंध पर भड़के रूस और चीन, कहा-आग से खेल रहा है अमेरिका

गुरुवार को अमेरिका ने रूस से हथियार खरीदने के कारण चीन पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद रूस को उसकी 'अहितकारी गतिविधियों' और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दखल देने के लिए दंडित करना है.

अमेरिकी प्रतिबंध पर भड़के रूस और चीन, कहा-आग से खेल रहा है अमेरिका

मॉस्को : अमेरिका ने रूस से सैन्य हथियार खरीदने के कारण चीन की सेना के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. अब रूस और चीन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिका इस मामले में आग से खेल रहा है. रूस के डिप्टी विदेश मंत्री सरजेई रयाबकोव ने कहा, इस मामले में चीन अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देगा. पिछले कुछ सालों में रूस और चीन के बीच आपसी संबंध मजबूत हुए हैं. अभी हाल में दोनों साथ में सैन्य अभ्यास भी किया है. गुरुवार को अमेरिका ने रूस से हथियार खरीदने के कारण चीन पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद रूस को उसकी 'अहितकारी गतिविधियों' और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दखल देने के लिए दंडित करना है. 

रूस के विदेश उपमंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बयान जारी कर कहा, ‘‘उनके लिये यह याद रखना बेहतर होगा कि वैश्विक स्थिरता जैसी भी कोई परिकल्पना है जिसे वह रूसी और अमेरिकी रिश्तों में तनाव लाकर लगातार बिना सोचे समझे नजरंदाज कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘आग से खेलना मुर्खतापूर्ण है, यह खतरनाक हो सकता है.’

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विदेश उप मंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि वाशिंगटन की प्रतिबंध मशीन का संचालन करने वाला कम से कम थोड़ा बहुत ही सही खुद को हमारे इतिहास से परिचित कर ले क्योंकि इससे उन्हें कुछ हासिल होने वाला नहीं है.’’ अमेरिका ने गुरूवार को अपने प्रतिबंध के दायरे का विस्तार रूस से चीन तक पहुंचा दिया और चीन के एक सैन्य संगठन के खिलाफ रूसी युद्धक विमान और प्रक्षेपास्त्र खरीदने पर दंडात्मक कार्रवाई का ऐलान किया.

इतना ही नहीं अमेरिकी विदेश विभाग ने यह भी कहा कि वह रूसी खुफिया एजेंसियों और सैन्य क्षेत्र से संपर्क रखने वाले 33 लोगों को प्रतिबंध की कालीसूची में डाल रहा है. इनमें से सभी - रक्षा क्षेत्र से जुड़ी फर्म, जीआरयू सैन्य खुफिया एजेंसी और सेंटपीटर्सबर्ग स्थित इंटरनेट रिसर्च एजेंसी दुष्प्रचार समूह से जुड़े लोग हैं जो पहले से अमेरिका की प्रतिबंध सूची में थे और उनमें से 28 लोगों रॉबर्ट मूलर द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है. मूलर अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच कर रहे हैं.

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