COVID Leak Probe पर बौखलाया China, Global Times ने कहा, ‘Mission Iraq की तरह यहां भी खाली रहेंगे US के हाथ’
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COVID Leak Probe पर बौखलाया China, Global Times ने कहा, ‘Mission Iraq की तरह यहां भी खाली रहेंगे US के हाथ’

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कोरोना पर जांच के आदेश से चीन तिलमिला गया है. उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को गंभीर वैज्ञानिक जांच में कोई दिलचस्पी नहीं है और न ही वह तथ्यों की परवाह करते हैं. वह जानबूझकर चीन को बदनाम कर रहे हैं.

फाइल फोटो

बीजिंग: कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्पत्ति को लेकर चीन और अमेरिका (China & America) में फिर ठन गई है. जब से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को 90 दिनों के अंदर यह पता लगाने का आदेश दिया है कि कोरोना वायरस कहां से फैला, चीन बौखला गया है. यूएस के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अब बीजिंग ने कहा है कि इस जांच का भी वही हाल होगा, जो इराक (Iraq) में महाविनाश के हथियार (Weapons of Mass Destruction) खोजने के अमेरिकी अभियान का हुआ था. 

  1. अमेरिका ने दिए हैं कोरोना की उत्पत्ति की जांच के आदेश
  2. खुफिया एजेंसियों को 90 दिनों में सौंपनी है रिपोर्ट
  3. यूएस मानता है कि चीन से ही दुनिया में फैला वायरस

US को बताया अहंकारी
 

‘द सन’ ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स (Global Times) के हवाले से बताया है कि कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका के रुख से बीजिंग बेहद नाराज है. अखबार के संपादकीय में कहा गया है कि यूएस सरकार अहंकार से भरी हुई है और साजिश के तहत चीन को बदनाम करने के लिए वुहान लैब लीक की थ्योरी को तूल दिया जा रहा है.

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‘Biden को Science में दिलचस्पी नहीं’
 

यूएस प्रेसिडेंट ने हाल ही में खुफिया एजेंसियों से कहा था कि COVID की उपत्ति के बारे में फुल स्पीड से जांच की जाए और 90 दिनों के अंदर इसकी रिपोर्ट सौंपी जाए. बाइडेन के इस आदेश से चीन तिलमिला गया है. उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन (Zhao Lijian) ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को गंभीर वैज्ञानिक जांच में कोई दिलचस्पी नहीं है और न ही वह तथ्यों की परवाह करते हैं. 

WHO की रिपोर्ट का दिया हवाला
 

अमेरिका पर पलटवार करते हुए झाओ लिजियन ने कहा कि अमेरिका को भी अपनी प्रयोगशालाएं जांच के लिए खोल देनी चाहिए. वहीं, ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में आगे कहा गया है कि 90 दिनों में वायरस की उत्पत्ति की जांच का आदेश यथार्थ से कोसों दूर है. एडिटोरियल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पिछली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि क्या अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के पास WHO बेहतर शोध क्षमता है, जो वह इतनी जल्दी सब कुछ पता लगा लेंगी?

Iraq War का फोटो लगाया
 

अखबार का कहना है कि यूएस गवर्नमेंट राजनीतिक फायदे के लिए साइंस को हाईजैक करना चाहती है. एडिटोरियल में यह दर्शाने के लिए इराक युद्ध के समय का एक फोटो भी लगाया गया है कि अमेरिका की कोरोना जांच का अंजाम भी उसके इराकी मिशन की तरह होगा. बता दें कि मार्च 2003 में, अमेरिकी सेना ने सामूहिक विनाश के हथियार को नष्ट करने के उद्देश्य से इराक पर हमला बोला था. हालांकि, बाद में ऐसे हथियारों के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी.

 

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