पाकिस्तान में डीजल की कीमत 4.26 रुपए प्रति लीटर कम कर 196.68 रुपए प्रति लीटर कर दी गई.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार ने नववर्ष के तोहफे के तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम कर दी हैं. पेट्रोल का दाम 4.86 रुपए प्रति लीटर घटा कर 90.97 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया. वहीं डीजल की कीमत 4.26 रुपए प्रति लीटर कम कर 196.68 रुपए प्रति लीटर कर दी गई.
इसके साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि नया साल देश के लिए "स्वर्ण काल" की शुरुआत होगा. इसके साथ ही इमरान ने 2019 में गरीबी, अशिक्षा, अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘‘जिहाद’’ शुरू करने का संकल्प लिया. इमरान खान ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिए लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए नववर्ष के अपने संकल्प को साझा किया.
पाकिस्तान ने साल 2018 में देखी शरीफ की रवानगी, इमरान की ताजपोशी
उन्होंने लिखा, ‘‘हमारा नये साल का संकल्प देश की चार बीमारियों के खिलाफ जिहाद छेड़ना है: गरीबी, अशिक्षा, अन्याय और भ्रष्टाचार.’’ खान ने लिखा, ‘‘इंशाअल्लाह 2019 पाकिस्तान के लिए स्वर्ण काल की शुरुआत होगा.’’ इमरान सरकार अगस्त में बनी और उन्होंने कहा था कि वह वह नया पाकिस्तान बनाएंगे. लेकिन अभी तक वह लोगों को कोई बड़ी राहत प्रदान नहीं कर पाए हैं.
कम आमदनी वाले लोगों के लिए पहले 100 दिनों में 50 लाख घरों का निर्माण कार्य शुरू करने का सरकार का वादा भी पूरा होता नहीं दिख रहा है. राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी कामना की कि नया साल देश और देशवासियों के लिए खुशहाली और कामयाबी लाएगा. सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने अपने एक संदेश में कहा कि 2019 प्रगति का साल होगा.
भारत और PAK ने परमाणु प्रतिष्ठानों की लिस्ट साझा की
इस बीच नववर्ष के मौके पर भारत और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय समझौते के तहत परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा की. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत भारत और पाकिस्तान ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा की. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले पर प्रतिबंध संबंधी समझौते के तहत यह सूची साझा की गई है.
दोनों देशों के बीच इस समझौते पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर हुआ था और यह 27 जनवरी 1991 को प्रभाव में आया. इसके तहत दोनों देश अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची एक-दूसरे के साथ साझा करते हैं.
कैदियों की सूची
इसके साथ ही दोनों देशों ने एक दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची भी साझा की. भारत और पाकिस्तान के बीच 21 मई, 2008 को हुए राजनयिक पहुंच संबंधी समझौते के तहत यह कदम उठाया गया. समझौते के तहत दोनों देशों को हिरासत में मौजूद कैदियों की सूची एक साल में दो बार- एक जनवरी और एक जुलाई को एक दूसरे के साथ साझा करनी होती है. दोनों देश बार बार तनाव के बावजूद कैदियों की सूची साझा करने की परंपरा का पालन करते रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत ने 347 पाकिस्तानी कैदियों की सूची द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत पाकिस्तान के साथ साझा की. मंत्रालय ने बताया कि इन कैदियों में 98 मछुआरे और 249 अन्य कैदी शामिल हैं. वहीं, पाकिस्तान ने अपने यहां जेलों में बंद 537 भारतीय कैदियों की सूची भारत के साथ मंगलवार को साझा की. इन कैदियों में 483 मछुआरे और 54 अन्य लोग हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने नागरिक कैदियों, गुमशुदा भारतीय रक्षा कर्मियों, मछुआरों एवं नौकाओं को जल्द छोड़ने को कहा है. ''इस संदर्भ में उन 17 भारतीय नागरिक कैदियों एवं 369 मछुआरों को रिहा करने में तेजी लाने को कहा है जिनकी नागरिकता की पुष्टि हो चुकी है.'' मंत्रालय ने कहा कि इन कैदियों के लिये राजनयिक पहुंच सुलभ कराने को भी कहा गया है.
इसके अलावा पाकिस्तान से उनके 80 कैदियों के मामले में तेजी से प्रतिक्रिया देने को कहा गया है जिन्होंने अपनी सजा पूरा कर ली है.
(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)