गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से, बीजिंग अपनी सेना को हुए नुकसान का ब्योरा देने से लगातार इनकार करता रहा है.
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बीजिंग: चीन (China) ने केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख, जनरल वी.के सिंह (General VK Singh) की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से सोमवार को इनकार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसक झड़प में 40 से अधिक चीनी सैनिक भी मारे गए हैं.
चीन ने कहा कि उसके पास इस मुद्दे पर जारी करने के लिए कोई सूचना नहीं है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने प्रेस वार्ता के दौरान दोहराया कि, “चीन और भारत कूटनीतिक एवं सैन्य माध्यमों के जरिए स्थिति को सुलझाने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में हैं.”
सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मेरे पास इस बारे में देने के लिए कोई सूचना नहीं है.”
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गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से, बीजिंग अपनी सेना को हुए नुकसान का ब्योरा देने से लगातार इनकार करता रहा है जबकि आधिकारिक मीडिया ने अपने संपादकीय लेखों में कहा है कि झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए हैं.
मौजूदा भारत-चीन सीमा गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए सिंह ने शनिवार को एक न्यूज चैनल से कहा, “अगर हमने 20 सैनिक गंवाए हैं तो उनकी (चीन की) तरफ भी दोगुने से ज्यादा लोग मारे गए हैं.”
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इस बीच, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच तनाव को कम करने के तरीकों पर चर्चा के लिए सोमवार को भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का एक और दौर चल रहा है.
उच्चस्तरीय वार्ता गलवान घाटी में दोनों देश के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के एक हफ्ते बाद हो रही है.
लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता का पहला दौर छह जून को हुआ था जिसमें दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील इलाकों से पीछे हटने का फैसला किया था.
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