आतंकवाद के मुद्दे पर UN में भारत ने की पाकिस्तान की खिंचाई, सख्त कदम उठाने की मांग
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आतंकवाद के मुद्दे पर UN में भारत ने की पाकिस्तान की खिंचाई, सख्त कदम उठाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव आशीष शर्मा (Ashish Sharma) ने पाकिस्‍तान का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवाद दुनिया के समक्ष एक बड़ा संकट है. इस संकट को हराने के लिए हमें वैश्विक एकजुटता के साथ आगे बढ़ना होगा.

  UN में भारत के स्थायी मिशन के सचिव आशीष शर्मा.

जिनेवा: आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) को एक बार फिर लताड़ लगाई है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच से दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर करते हुए कहा है कि आतंकवाद को पोषित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है. हालांकि, भारत ने प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों -इशारों में यह साफ कर दिया कि पाकिस्तान दुनियाभर की शांति के लिए खतरा बना हुआ है और उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने चाहिए.

  1. भारत ने नाम लिए बिना सुनाईं खरी-खरी
  2. आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
  3. पहले भी UN में पाकिस्तान को लताड़ लगा चुका है भारत

दुनिया के समक्ष बड़ा संकट
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव आशीष शर्मा (Ashish Sharma) ने सोमवार को पाकिस्‍तान (Pakistan)  का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवाद दुनिया के समक्ष एक बड़ा संकट है. उन्‍होंने कहा, ‘समकालीन दुनिया में आतंकवाद युद्ध छेड़ने के एक साधन के रूप में उभरा है. आतंकवाद हमें वैसी ही स्थिति में धकेल रहा है, जिसका हमने विश्व युद्धों के दौरान अनुभव किया है’. 

एकजुट होना होगा

शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है. इस संकट को हराने के लिए हमें वैश्विक एकजुटता के साथ आगे बढ़ना होगा. केवल वैश्विक एकजुटता से ही आतंकवाद को हराया जा सकता है. इसके अलावा, द्वितीय विश्व युद्ध की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर संयुक्‍त राष्‍ट्र में बोलते हुए आशीष शर्मा ने भारतीय सैनिकों के योगदान पर भी प्रकाश डाला.

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सबसे बड़ी Volunteer Force थी भारतीय सेना 

उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक काल के दौरान भी भारत ने शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत द्वितीय विश्व युद्ध के हर मोर्चे पर योगदान दिया. हमारे 2.5 मिलियन सैनिकों ने उत्तरी अफ्रीका से लेकर यूरोप और हांगकांग तक में अहम भूमिका निभाई थी. शर्मा ने कहा कि युद्ध के दौरान भारतीय सेना सबसे बड़ी वॉलेटियर फोर्स थी. इस युद्ध में 87,000 शहीद या लापता हुए और सैंकड़ों को गंभीर चोटें आई थीं. 

उनकी कुर्बानी नहीं भूल सकते
भारत के स्थायी मिशन के पहले सचिव आशीष शर्मा ने कहा कि हम अपने एशियाई, अफ्रीकी और अरब भाइयों-बहनों की कुर्बानियों को भी नहीं भूल सकते हैं, जिन्होंने मित्र देशों की तरफ से युद्ध में भाग लिया था.  इस कार्यक्रम का आयोजन रूस द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के सभी पीड़ितों स्मृति में किया गया था. मालूम हो कि इस वर्ष की शुरुआत में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मॉस्को में आयोजित विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने भी विजय दिवस परेड में भाग लिया था. 

 

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