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इस्लामाबाद: भारत ने बासमती चावल (Basmati Rice) के प्रोटेक्टेड जिओग्राफिकल इंडिकेशन (PGI) टैग के लिए यूरोपियन यूनियन (EU) में अर्जी दी तो पाकिस्तान (Pakistan) इसके विरोध में उतर आया. लेकिन अब पाकिस्तान चावल निर्यात को लेकर इंटरनेशनल मार्केट में भारत से पिछड़ गया है और भारत पर एक्सपोर्ट का धंधा चौपट करने का आरोप लगाया है.
पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत ने 'अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा नियमों' का उल्लंघन किया है, जिससे पाकिस्तान के चावल निर्यात को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है. इसके बाद पाकिस्तान ने विश्व व्यापार संगठन यानी यानी के सामने भारत की शिकायत करने की भी बात कही है. बता दें कि चावल उद्योग पाकिस्तान का सबसे बड़ा उद्योग है और पाकिस्तान की जीडीपी में चावल निर्यात का बहुत बड़ा योगदान है.
पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का चावल निर्यात पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत तक कम हो चुका है. जुलाई 2020 से मई 2021 के बीच पाकिस्तान ने 3.3 मिलियन टन चावल का निर्यात किया है, जबकि इससे पहले एक साल में पाकिस्तान ने 3.87 मिलियन टन चावल का निर्यात किया था.
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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने पिछले कुछ समय में पाकिस्तान के मुकाबले काफी कम कीमत पर अन्य देशों को चावल निर्यात किया है, जिस कारण पाकिस्तान का निर्यात कम हुआ है. पाकिस्तान के राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (REAP) के अध्यक्ष अब्दुल कय्यूम पराचा ने कहा, 'भारत औसतन 360 डॉलर प्रति टन की दर से चावल का निर्यात कर रहा है, जबकि पाकिस्तान 450 डॉलर प्रति टन के हिसाब से अपना चावल बेचता है. लगभग 100 डॉलर प्रति टन के अंतर की वजह से हमारे निर्यात को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है.'
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