तुर्की (Turkey) और पाकिस्तान (Pakistan) जहां मिलकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की लगातार कोशिश में लगे हुए हैं, वहीं तुर्की पाकिस्तान को हथियारों से लेकर पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में दखलअंदाजी देना शुरु कर चुका है.
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नई दिल्ली: तुर्की (Turkey) और पाकिस्तान (Pakistan) जहां मिलकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की लगातार कोशिश में लगे हुए हैं, वहीं तुर्की पाकिस्तान को हथियारों से लेकर पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में दखलअंदाजी देना शुरु कर चुका है. ज़ी मीडिया (Zee Media) के पास मौजूद एक्सलूसिव दस्तावेजों से तुर्की के एक बड़े प्लान का खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि चीन के बाद अब तुर्की पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बड़े पैमाने पर इंवेस्टमेंट कर रहा है जिससे भारत की चिंता बढ़ गई है. देखा जाये तो भारत PoK को अपना हिस्सा मानता है और ऐसे में पाकिस्तान समेत दुनिया के किसी भी देश की PoK में दखलंदाजी का भारत विरोध करता रहा है.
तुर्की कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय विवाद बनाने की लगातार कोशिश में है. अपने तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान गये यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली (UNGA) के चीफ और तुर्की मूल के Volkan Bozkir ने एक बार फिर कश्मीर पर विवादित बयान देते हुए कहा, 'ये पाकिस्तान की ड्यूटी है कि वो जम्मू कश्मीर को जोरदार तरीके से यूएन के मंच पर उठाये.'
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यही नहीं Volkan Bozkir ने कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से कर दी जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. जी मीडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तुर्की ने PoK में टूरिज्म की संभावनाओं को लेकर निवेश करने का फैसला किया है जिसके लिए उसने ऐसी 3 साइट्स की पहचान की है.
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आपको बता दें कि तुर्की PoK में होटल्स, रिजॉर्ट (Resorts), एम्यूजमेंट पार्क (Amusement Parks) और नेशनल पार्क (National Parks ) में इंवेस्टमेंट कर रहा है. तुर्की PoK में हाइड्रो पावर सेक्टर में भी निवेश कर रहा है. जानकारी के मुताबिक गिलगित में 20 मेगावाट के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा चुका है और तुर्की के इंजीनियर्स इस साइट्स पर देखे गये हैं.
तुर्की पर नज़र रखने वाले जानकारों का मानना है कि तुर्की पाकिस्तान और चीन के साथ मिलकर भारत को घेरने में लगा हुआ है. हाल ही में तुर्की ने चीन के चेंगदू में कन्सूलेट जनरल (Consulate General) ऑफिस खोलने का फैसला किया है जिससे जाहिर होता है कि किस तरह चीन और तुर्की की दोस्ती दिन पर दिन मजबूत हो रही है.
पिछले दिनों पाकिस्तान की मदद के लिए तुर्की से आये एक डेलिगेशन ने पाकिस्तान के Pakistan Space and Upper Atmosphere Research Commission (SUPARCO) का दौरा किया था जिसे दोनों देशों ने गुप्त रखा है. जानकारों के मुताबिक तुर्की के जिस डेलीगेशन ने पाकिस्तान के SUPARCO का दौरा किया है उनमें तुर्की स्पेस एजेंसी जिसे TUA भी कहा जाता है उसे जुड़े कई वैज्ञानिक भी शामिल थे.
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पिछले कुछ समय से भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना और पाक एयरफोर्स की मदद के लिए तुर्की लगातार फाइटर जेट्स, मिसाइल से लेकर ड्रोन की सप्लाई कर रहा है. इस्लामिक देशों का मसीहा बनने की फिराक में लगा तुर्की पाकिस्तान की नेवी को भी मजबूत कर रहा है.
इसी साल जनवरी महीने में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तान के लिए बनाए जा रहे मिल्गम प्रोजेक्ट (MILGEM Project) के तहत एडा क्लास के चार युद्धपोतों में से तीसरे युद्धपोत के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया था.
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