करतारपुर कॉरिडोर : सिद्धू के बाद पाकिस्‍तान सरकार ने इन्‍हें भेजा उद्घाटन समारोह में आने न्‍योता
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करतारपुर कॉरिडोर : सिद्धू के बाद पाकिस्‍तान सरकार ने इन्‍हें भेजा उद्घाटन समारोह में आने न्‍योता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और बाबा गुरु नानक के 12 नवंबर को पड़ने वाले 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को इस गलियारे के रास्ते दरबार साहिब गुरुद्वारे के लिए विदा करेंगे. 

करतारपुर कॉरिडोर : सिद्धू के बाद पाकिस्‍तान सरकार ने इन्‍हें भेजा उद्घाटन समारोह में आने न्‍योता

नई दिल्‍ली/चंडीगढ़ : पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार ने आध्‍यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर (Shri Shri Ravishankar) को करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के उद्धाटन में शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया है. कल इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और बाबा गुरु नानक के 12 नवंबर को पड़ने वाले 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को इस गलियारे के रास्ते दरबार साहिब गुरुद्वारे के लिए विदा करेंगे. सिख यात्रियों का जत्था करतारपुर गलियारे से होकर दरबार साहिब गुरुद्वारे जाएगा. 

 

 

इससे पहले सरकार ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सिख जत्थे के साथ करतारपुर गलियारे से होते हुए 9 नवंबर को पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारे जाने की अनुमति दे दी. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय ने सिद्धू को वाघा के रास्ते पाकिस्तान की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी. पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह के लिए सिद्धू को न्योता भेजा है और वीजा की भी पेशकश की है.

सिद्धू ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर अटारी-वाघा सीमा पार कर पाकिस्तान स्थित पवित्र धर्मस्थल तक जाने की इजाजत मांगी थी. इसके लिए पाकिस्तानी वीजे की जरूरत होती. सिद्धू ने लिखा था कि 'अगर उन्हें उनके इस तीसरे पत्र का भी जवाब नहीं मिला तो वह एक श्रद्धालु को मिलने वाले वीजा पर वहां जाएंगे.'

सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में जाने वाले इस जत्थे में शामिल होने के लिए आवेदन नहीं किया था. अधिकारियों का कहना है कि पंजाब के सभी विधायकों से आवेदन करने के लिए कहा गया था, लेकिन सिद्धू ने इससे बाहर रहना उचित समझा.

दरबार साहिब गुरुद्वारा भारतीय सीमा से करीब चार किलोमीटर के फासले पर पाकिस्तान में है. यहां तक करतारपुर साहिब कॉरिडोर से होकर श्रद्धालु पहुंचेंगे. माना जाता है कि यह गुरुद्वारा उस स्थान पर स्थित है, जहां सोलहवीं सदी में बाबा गुरु नानक की मृत्यु हुई थी.

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