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न्यूयॉर्क: यूक्रेन (Ukraine) में जारी युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस (Russia) के खिलाफ पेश हुआ निंदा प्रस्ताव भी पास हो गया है. संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 देश हैं, लेकिन इस वोटिंग में 181 देश ही शामिल हुए. इनमें 141 देशों ने रूस के खिलाफ पेश हुए निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया. 5 ने इसका विरोध किया जबकि 35 देशों ने अपने वोट का इस्तेमाल नहीं किया. यानी ये देश वोटिंग के दौरान उपस्थित थे लेकिन इन देशों ने अपना वोट नहीं डाला. यानी रूस के खिलाफ पेश हुए इस निंदा प्रस्ताव को बहुमत से 20 से ज्यादा वोट मिले. बहुमत के लिए 121 वोट चाहिए थे.
अब आप सोच रहे होंगे कि इस प्रस्ताव से रूस को क्या नुकसान होगा? तो इसका जवाब ये है कि रूस ने जिन देशों और क्षेत्रों को सैन्य कार्रवाई के तहत हासिल किया है, ऐसे किसी भी देश और क्षेत्र को संयुक्त राष्ट्र मान्यता नहीं देगा. इसके अलावा रूस को यूक्रेन से तत्काल और बिना शर्त के अपने सैनिकों को वापस बुलाना होगा. हालांकि रूस इस प्रस्ताव को कितना मानता है, ये एक बड़ा सवाल होगा क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में अक्सर जिन देशों के खिलाफ ऐसे प्रस्ताव पास होते हैं, वो इन्हें नहीं मानते हैं और रूस भी शायद ऐसा ही करेगा. इस वोटिंग में दुनिया के लिए कुछ बड़े Surprise भी छिपे हुए थे.
जैसे पहला सरप्राइज यही है कि चीन ने वोटिंग से खुद को Abstain रखा यानी वो वोटिंग का हिस्सा तो था लेकिन उसने अपना वोट नहीं डाला. जब पूरी दुनिया ये कह रही है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ रूस और चीन मिलकर नया ब्लॉक बना रहे हैं, तब चीन का रूस को खुलकर समर्थन नहीं देना थोड़ा हैरान करता है. इससे ये भी पता चलता है कि चीन एक ऐसा देश है, जो केवल अपने हित और अपना स्वार्थ देखता है.
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चीन की तरह भारत ने भी वोटिंग से खुद को अलग रखा. हालांकि इसमें कोई सरप्राइज नहीं है क्योंकि इस समय भारत की कोशिश यही है कि वो पश्चिमी देशों को भी नाराज ना करे और रूस के खिलाफ भी ना जाए. लेकिन पाकिस्तान का वोटिंग से Abstain करना एक बड़ा सरप्राइज है.
1945 से 1990 के बीच जब 45 वर्षों तक अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध लड़ा गया था, उस समय पाकिस्तान अमेरिका के खेमे में था और उसकी नीतियां सोवियत संघ के खिलाफ थीं. लेकिन आज पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में वोट ना डालकर एक तरह से रूस का समर्थन किया है और वो अमेरिका के खिलाफ चला गया है. इसके पीछे, इमरान खान और पुतिन के बीच हुई मुलाकात भी हो सकती है.
एक और बात, जब दुनिया रूस को यूक्रेन पर हमले के मामले में अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है तब इमरान खान रूस के साथ ट्रेड डील पर हस्ताक्षर करने वाले दुनिया के पहले नेता बन गए हैं. पाकिस्तान ने रूस के साथ प्राकृतिक गैस के आयात का समझौता किया है.
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इस वोटिंग में अफगानिस्तान ने भी दुनिया को सरप्राइज किया. अफगानिस्तान ने रूस के खिलाफ वोट दिया है. सोचिए, ये कितना बड़ा मजाक है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव को सही मान रही है. जबकि अफगानिस्तान में इस्लामिक जेहाद के नाम पर लाखों लोगों का दमन किया जा रहा है.
रूस के समर्थन में केवल पांच वोट ही पड़े हैं और इन पांच वोटों में खुद रूस का भी एक वोट शामिल है. उसके अलावा सीरिया, North Korea, बेलारूस और अफ्रीकी देश Eritrea (इरिट्रिया) ने भी रूस के समर्थन में वोटिंग की. यानी किसी भी बड़े देश ने रूस के समर्थन में अपना वोट नहीं दिया और ये रूस का संयुक्त राष्ट्र के मंच पर अब तक का सबसे बड़ा अपमान है.
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