Pakistan Hijab Row: पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में महिला टीचर्स और छात्राओं के लिए बड़ा फरमान, बात नहीं मानने पर क्या पड़ेंगे कोड़े?
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Pakistan Hijab Row: पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में महिला टीचर्स और छात्राओं के लिए बड़ा फरमान, बात नहीं मानने पर क्या पड़ेंगे कोड़े?

PoK Hijab Row: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं और महिला टीचर्स के लिए हिजाब (Hijab) पहनना अनिवार्य कर दिया है. स्थानीय लोग इस आदेश का विरोध करते हुए फैसले की तुलना तालिबान से कर रहे हैं.

Pakistan Hijab Row: पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में महिला टीचर्स और छात्राओं के लिए बड़ा फरमान, बात नहीं मानने पर क्या पड़ेंगे कोड़े?

Hijab mandatory in PoK: पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके (PoK) में स्थानीय पीटीआई सरकार ने एक अधिसूचना जारी करते हुए हर शिक्षण संस्थान (सरकारी और प्राइवेट) में हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया है. सरकारी फैसले के मुताबिक, तत्काल प्रभाव से को-एड एजुकेशन यानी सहशिक्षा वाले स्कूलों और कॉलेजों में महिला शिक्षकों और छात्रों को हिजाब पहनना जरूरी होगा. 

फैसला न मानने पर पड़ेंगे कोड़े!

पाकिस्तानी मीडिया 'डॉन' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक इस आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों और संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं स्थानीय पुलिस को इस फरमान का पालन सख्ती से कराने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं कहा जा रहा है कि इस फरमान का पालन न करने पर शरिया कानून के मुताबिक दोषियों को सजा दिए जाने की बात कही जा रही है. वहीं इस आदेस को लेकर सभी 10 जिला शिक्षा अधिकारियों को नोटिस पहुंच गया है. अब ये आदेश पीओके की हर शिक्षण संस्था तक पहुंच गया है.

स्थानीय लोगों ने किया विरोध

सरदार तनवीर के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार के फैसले की लोग कड़ी आलोचना कर रहे हैं. मारियाना बाबर ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं को एक विकल्प दिया जाना चाहिए. सोशल मीडिया पर भी लोग इस आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अपने ट्वीट में लिखा पिछले साल तालिबान ने महिलाओं के लिए अफगानिस्तान में सार्वजनिक रूप से हिजाब पहनना भी अनिवार्य कर दिया था, अब यहां भी वैसे हालात बनाए जा रहे हैं.

अफगानिस्तान सरकार का फरमान

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के तालिबान शासकों ने पिछले साल ऐसा ही तुगलकी फरमान जारी करते हुए कहा था कि सभी अफगान महिलाओं को चाहे वो नौकरी पेशा हों या कारोबार में शौहर का हाथ बटाने वाली उन्हें हर हाल में सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक पूरे कपड़े पहनना जरूरी होगा. वहीं काबुल की सत्ता में बैठे तालिबानी हुक्मरानों ने ये भी कहा था कि जबतक जरूरी न हो, महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. महिलाओं को इस ड्रेस कोड के उल्लंघन पर उन्हें शारीरिक दंड दिया जाएगा वहीं इसके साथ ही उनके घर के पुरुषों को भी ड्रेस कोड के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार माना जाएगा.

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