Imran Khan News: FIA ने पूर्व पीएम इमरान खान के खिलाफ एक सीक्रेट डिप्लोमेटिक केबल को कथित तौर पर सार्वजनिक करने और उसे अपने कब्जे में रखने के लिए जांच शुरू की है.
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Imran Khan in Attock Jail: संघीय जांच एजेंसी (FIA) की एक संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने केबल गेट प्रकरण से संबंधित एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से अटक जेल के अंदर पूछताछ की. एआरवाई न्यूज ने बुधवार को यह जानकारी दी.
मामला पिछले साल मार्च का है जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष ने एक पत्र पेश कर दावा किया था कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए अमेरिका की ‘अंतर्राष्ट्रीय साजिश’ का सबूत है. पिछले महीने, जांच एजेंसी ने अपदस्थ प्रधानमंत्री से लगभग दो घंटे तक पूछताछ की थी. बात दें खान को पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से पद से हटा दिया गया था.
FIA ने खान को दिया नोटिस
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राजनयिक केबल से जुड़े ऑडियो लीक मामले में FIA द्वारा खान को कॉल-अप नोटिस दिया गया.
FIA ने पूर्व पीएम के खिलाफ एक सीक्रेट डिप्लोमेटिक केबल को कथित तौर पर सार्वजनिक करने और उसे अपने कब्जे में रखने के लिए जांच शुरू की है.
इससे पहले बुधवार को FIA की आतंकवाद-रोधी शाखा ने प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक रिकॉर्ड से ‘गायब सिफर’ के संबंध में एक मामला दर्ज किया और मामले में खान को आरोपी बनाया.
सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि जेआईटी ने मंगलवार को अटक जेल में खान से पूछताछ की थी. FIA सूत्रों के अनुसार, ‘जेआईटी ने जेल उपाधीक्षक के कार्यालय में खान से मुलाकात की.’
जेआईटी खत्म करने वाली थी अपनी जांच
पिछले हफ्ते, रिपोर्टें सामने आईं कि सिफर मुद्दे की जांच कर रही जेआईटी अपने निष्कर्षों के करीब थी, लेकिन इस बीच एक ऑनलाइन अमेरिकी समाचार संगठन में गुप्त केबल दस्तावेज़ की कथित सामग्री पब्लिश हुई. जिसके बाद जेआईटी मीडिया में लीक पहलू को कवर करने के लिए अपनी जांच का विस्तार करने के लिए मजबूर हुई.
सूत्रों के जेआईटी यह जानना चाहती है कि दस्तावेज़ की सामग्री को मीडिया में कैसे और किसने लीक किया और द इंटरसेप्ट द्वारा साझा की गई सिफर की सामग्री मूल है या अतिरंजित है।
बता दें यह साइफर मामले के एक बार फिर चर्चा में आने की वजह पूर्व पीएम इमरान खान के पूर्व प्रमुख सचिव आजम का खान का बयान है. इस बयान में उन्होंने खुलासा किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने पिछले साल वॉशिंगटन में पाकिस्तान के दूत द्वारा भेजे गए राजनयिक साइफर का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान और विपक्ष के खिलाफ कहानी गढ़ने के लिए किया था.
(इनपुट- एजेंसी)