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Pakistan Karachi Blast: पड़ोसी देश पाकिस्तान के कराची शहर में हुए एक आत्मघाती बम धमाके में सुसाइड बॉम्बर के अलावा 4 लोगों की मौत हो गई. इनमें चीन के तीन नागरिक भी शामिल हैं. इस सुसाइड अटैक का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. इसमें महिला Suicide Bomber को साफ देखा जा सकता है.
ये वीडियो कराची यूनिवर्सिटी के कैंपस का है, जहां ये महिला मानव बम सड़क के किनारे एक मोड़ पर खड़ी है. ये घात लगाए उस वैन का इंतजार कर रही है, जिसमें चीन के नागरिक आ रहे थे.
इस बीच ये महिला सीसीटीवी कैमरे की तरफ देखती है. तभी चीन के नागरिकों की बस पास आ जाती है. ये महिला बस की तरफ थोड़ा सा खिसकती है. इसके हाथों में रिमोट कंट्रोल है. सफेद रंग की ये वैन जैसे ही महिला के करीब पहुंचती है...वो रिमोट का बटन दबा देती है और ब्लास्ट हो जाता है. महिला खुद भी मारी जाती है और उसके साथ चार अन्य लोगों की भी मौत हो जाती है.
ब्लास्ट होते ही चीन के नागरिकों की वैन में आग लग गई. आग की लपटें दूर से देखी जा सकती थीं. कुछ ही देर में वैन पूरी तरह से जल गई. इस हमले की जिम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी यानी BLA ने ली है. जिस सुसाइड बॉम्बर ने इस घटना को अंजाम दिया, उसका नाम है - शारी बलोच उर्फ ब्रम्स. ये महिला बलोच लिबरेशन आर्मी की मजीद ब्रिगेड की सदस्य बताई जाती है.
ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ चीन के दूतावास पहुंचे और दुख जताया. पाकिस्तान में बम धमाकों की खबर अक्सर आती है लेकिन क्या पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ वहां शोक और संवेदना जताने जाते हैं ? लेकिन शहबाज शरीफ जिस तरह से तुरंत चीन के दूतावास पहुंच गए, उससे पता चलता है कि पाकिस्तान पर चीन का कितना दबाव है.
कराची में चीन के नागरिकों पर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन BLA की स्थापना 2000 में हुई थी. BLA का मकसद है-- बलोचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर स्वतंत्र देश बनाना. इसी एजेंडे के साथ वो पाकिस्तान में हिंसक आंदोलन कर रहा है.
आत्मघाती हमले को या हिंसा को किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता है. लेकिन ये समझना जरूरी है कि आखिर पाकिस्तान में चीन के नागरिकों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है. दरअसल चीन पाकिस्तान को आर्थिक सहायता के नाम पर अपना आर्थिक गुलाम बनाता जा रहा है.
चीन पाकिस्तान में CHINA PAKSITAN ECONOMIC CORRIDOR बना रहा है. इसके लिए चीन पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है. लेकिन निवेश की आड़ में चीन पाकिस्तान के तमाम प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा जमाता जा रहा है.
इसके खिलाफ पाकिस्तान में चीन का तीखा विरोध हो रहा है. खास तौर पर बलोचिस्तान में चीन के खिलाफ पिछले कई वर्षों से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. ग्वादर में चीन एक बड़ा बंदरगाह बना रहा है. वहां चीन के कब्जे के खिलाफ हजारों लोग सड़कों को पर उतरे. ग्वादर के लोगों का आरोप था कि चीन ने अपने प्रोजेक्ट्स के जरिए वहां के सभी Resources पर कब्जा जमा लिया है. इससे स्थानीय लोगों की रोजी रोटी खतरे में पड़ गई है.
कहते हैं कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, वो खुद ही उसमें गिरता है. पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवादी साजिश रचता रहता है. पाकिस्तान कश्मीर में हमले के लिए आतंकवादियों को ट्रेनिंग और फंड मुहैया करवाता है लेकिन आतंकवाद की आग पाकिस्तान को भी झुलसा रही है. कराची में हुआ आतंकवादी हमला इसका एक और सबूत है. लेकिन कराची में हुए इस ब्लास्ट में इसके चाइनीज कनेक्शन को समझना जरूरी है. इस आत्मघाती हमले में 4 ऐसी बातें हैं, जो चीन के साथ इसके संबंध को साबित करती हैं.
पहली बात, ये धमाका चीन के नागरिकों की वैन को निशाना बनाकर किया गया. दूसरी बात, इसमें चीन के 3 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें दो महिलाएं थीं. वैन के ड्राइवर के ड्राइवर को छोड़कर सारे मृतक चाइनीज नागरिक थे. तीसरी बात, चीन ने कराची यूनिवर्सिटी में एक संस्थान बनाया है, जिसका नाम है- कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट. यहां चाइनीज भाषा की शिक्षा दी जाती है. आत्मघाती हमला इसी संस्थान के पास हुआ है और मारे गए लोगों में इस संस्थान के डायरेक्टर भी शामिल हैं. और चौथी बात, ये है कि सुसाइड अटैक की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन BLA लगातार पाकिस्तान में चीन की दखलंदाजी का विरोध करता रहा है.
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वैसे ये पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान में चीन के नागरिकों को निशाना बनाकर हमले किए गए. अगस्त 2021 में ग्वादर में चीन के नागरिकों को ले जा रही गाड़ी पर हमला हुआ. जुलाई 2021 में उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में आत्मघाती हमले में चीन के 9 नागरिक मारे गए. नवंबर 2018 में कराची में चीन के काउंसलेट पर हमला किया गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. अक्टूबर 2018 में भी बलोचिस्तान में चीन के इंजीनियरों की बस पर हमला किया गया. जून 2020 में कराची में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर हमला किया गया. इस स्टॉक एक्सचेंज में चीन की कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है.