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इस्लामाबाद: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) का जिक्र क्या किया, पाकिस्तान (Pakistan) थरथर कांपने लगा. इस बयान के बाद आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को शांति की बातें याद आ रही हैं. वो खुद को शांतिप्रिय करार देने में लगा है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है. बता दें कि भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान दिया था. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत अब पहली वाली स्थिति में नहीं है, वो माकूल जवाब देना जानता है.
अमित शाह (Amit Shah) के बयान से पाकिस्तान को एक और सर्जिकल स्ट्राइक का डर सता रहा है. इसलिए वो यह बताने में लगा है कि उसे तनावपूर्ण माहौल बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वो एक शांतिप्रिय मुल्क है. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ में छपी खबर के अनुसार, विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि PAK एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन भारत के किसी भी ‘आक्रामक मंसूबे’ को विफल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
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पाकिस्तान ने यह भी कहा कि अमित शाह का बयान और सर्जिकल स्ट्राइक के लिए चेतावनी देने वाला है. ये गैर-जिम्मेदार और उत्तेजक है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘उनका भ्रमपूर्ण बयान केवल भाजपा-आरएसएस गठबंधन के वैचारिक कारणों और राजनीतिक लाभ दोनों के लिए क्षेत्रीय तनाव को भड़काने की प्रवृत्ति को दिखाता है, जो पाकिस्तान के प्रति शत्रुता पर आधारित है. जबकि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है. हम किसी भी आक्रामक मंसूबे को पूरी तरह विफल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे’.
अमित शाह ने गोवा (Goa) में गुरुवार को कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक भारत की रक्षा में एक नया अध्याय था. पीएम मोदी और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सर्जिकल स्ट्राइक एक महत्वपूर्ण कदम था. हमने संदेश दिया कि कोई भी भारत की सीमाओं पर हरकत नहीं कर सकता है. बातचीत का समय था, लेकिन अब जवाब देने का समय आ गया है. यूपीए सरकार की रक्षा नीति की आलोचना करते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले जब भारत की सीमा पर हमला होता था तो बातचीत होती थी. लेकिन अब समय बदला लेने का है.
गृह मंत्री अमित शाह का ये बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू-कश्मीर में पाक समर्थित आतंकी दहशत फैलाने में लगे हैं. इसलिए पाकिस्तान का डर बढ़ गया है. शाह 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करने के बाद उनकी पहली यात्रा होगी. गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है.