भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव को 'बेरोकटोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त' के राजनयिक पहुंच नहीं प्रदान की.
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने के बाद भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव को 'बेरोकटोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त' के राजनयिक पहुंच नहीं प्रदान की. ये अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) के आदेश का उल्लंघन है और भारतीय अधिकारी विरोध दर्ज कराते हुए उक्त स्थान से चले गए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जाधव देखने से ‘तनाव’ में लग रहे थे और यह भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को स्पष्ट हो रहा था. उन्होंने कहा कि जो व्यवस्था थी, वह इनके बीच स्वतंत्र रूप से संवाद की अनुमति प्रदान नहीं कर रही थी. उन्होंने कहा कि उच्चायोग के अधिकारी जाधव से उनके कानूनी अधिकारों के बारे में बात नहीं कर सके और उन्हें कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के लिये लिखित अनुमति लेने से रोका गया.
इससे पहले पाकिस्तान ने घोषणा की कि उसने जाधव को पाकिस्तान की अदालत में उनकी सजा के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करने की समय सीमा से पहले राजनयिक पहुंच प्रदान की है.
बहरहाल, श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘राजनयिक अधिकारियों को बेरोकटोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त के जाधव तक पहुंच नहीं प्रदान की गई. पाकिस्तानी अधिकारी डराने वाले अंदाज में जाधव और अधिकारियों (भारतीय) के करीब मौजूद थे और भारतीय पक्ष ने इसका विरोध किया.’’ उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि जाधव के साथ बातचीत को रिकॉर्ड किया जा रहा था.
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पाकिस्तान की पेशकश न अर्थपूर्ण और न विश्वसनीय
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पाकिस्तान की ओर से राजनयिक पहुंच की पेशकश न तो अर्थपूर्ण और न ही विश्वसनीय है. इसके बाद विरोध दर्ज कराते हुए, वे उस स्थल से बाहर आ गए .
उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी 50 वर्षीय जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. इसके कुछ ही सप्ताह बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच से पाकिस्तान द्वारा मना करने और मौत की सजा को चुनौती देने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
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हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और उसे बिना देरी किए भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करना चाहिए .
श्रीवास्तव ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि इस मामले में पाकिस्तान का रुख गंभीर नहीं है और बाधा डालने वाला है. उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जाधव के परिवार को घटनाक्रम की जानकरी दी.